Covid 19 Third Wave ALERT: कोरोना का तीसरा वेव बहुत ज्यादा होगा घातक, छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाएं

Covid 19 Third Wave ALERT कोविड 19 का तीसरा वेव बहुत ज्यादा घातक होगा। अभिभावकों से अपील है कि वे छोटे बच्चों ख्याल रखे उन्हें संक्रमण से बचाएं। क्योंकि छोटे बच्चे मास्क नहीं पहनते लेकिन पांच-छह साल के बच्चों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनाएं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 06:05 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:47 AM (IST)
Covid 19 Third Wave ALERT: कोरोना का तीसरा वेव बहुत ज्यादा होगा घातक, छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाएं
कोरोना की तीसरी लहर का कम उम्र वाले बच्चों पर असर पड़ेगा।

जमशेदपुर, जासं। कोविड 19 का तीसरा वेव बहुत ज्यादा घातक होगा। अभिभावकों से अपील है कि वे छोटे बच्चों ख्याल रखे, उन्हें संक्रमण से बचाएं। क्योंकि छोटे बच्चे मास्क नहीं पहनते लेकिन पांच-छह साल के बच्चों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनाएं। यह कहना है कि टाटा मेन हॉस्पिटल के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी का।

मंगलवार शाम टेली कांफ्रेंस के माध्यम से डा. चौधरी ने बताया कि तीसरा वेव जब तक आएगा तब तक 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले अधिकतर युवा वैक्सीन ले चुके होंगे। जबकि इससे कम उम्र वाले बच्चों को इसका असर पड़ेगा। टाटा मेन हॉस्पिटल भी इस दिशा में सोच रहा है। डा. चौधरी का कहना है कि वैक्सीन लेने वाले बहुत कम ही संक्रमित हो रहे हैं और संक्रमित होने पर वे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार भी नहीं हो रहे हैं। लेकिन विश्व के दूसरे देशों की तरह तीसरा वेव भी आना लगभग तय माना जा रहा है इसलिए इसे देखते हुए हम अपनी तैयारी कर रहे हैं।

बिना डाक्टरी सलाह के न लें स्टेरॉइड, नहीं तो ब्लैक फंगस की आ सकते हैं चपेट में

डा. राजन चौधरी ने बताया कि देखा जा रहा है कि जो लोग होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं वे बिना डाक्टरी जांच के स्टेरॉयड ले रहे हैं लेकिन यह काफी खतरनाक है। जो लोग स्टेरॉयड ले रहे हैं उन्हें न्यूक्रो फंगल या ब्लैक फंगल के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इसमें फंगल नाक की नली से चिपक जाता है आंख को प्रभावित करता है। इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। इसका एंटी फंगल दवा की उपलब्धता काफी कम है इसलिए कोई भी अपनी मर्जी से स्टेरॉयड न लें।

नहीं बढ़ रहा है संक्रमण, 10 दिनों में कम हो सकता है सेकेंड वेव का प्रकोप

टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि पिछले सप्ताह से संक्रमण में हल्की सी रुकावट है। टीएमएच की रिकवरी रेट भी 77.64 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है जबकि पॉजिटिविटी रेट भी पिछले सप्ताह के 48.93 प्रतिशत के मुकाबले में 32.84 प्रतिशत पर है। हम उम्मीद कर रहे हैं अगले 10 दिनों में शहर में सेकेंड वेब का संक्रमण कम हो सकता है।

टीएमएच को नहीं मिली है अब तक वैक्सीन

डा. चौधरी ने बताया कि टीएमएच सरकारी वैक्सीन सेंटर के रूप में कार्यरत है लेकिन हमें अब तक राज्य सरकार की ओर से 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं को वैक्सीन नहीं मिला है। लेकिन हम राज्य सरकार व जिला प्रशासन के संपर्क में है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं के लिए वैक्सीन की बुकिंग बुधवार से खुल जाएगी।

चार दिन में हुइ 76 मरीजों की मौत

डा. चौधरी ने बताया कि पिछले चार दिनों में कुल 76 मरीजों की मौत हुई है। जबकि 204 नए कोरोना संक्रमित मरीज टीएमएच में भर्ती हुए। उन्होंने बताया कि 40 से 60 वर्ष के 26, 60 से 80 वर्ष के 43 जबकि 40 वर्ष से कम उम्र के सात मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना के सेकेंड वेब से सात युवाओं की भी मौत हुई है। इनमें पूर्वी सिंहभूम के 64, सरायकेला के नौ, धनबाद के दो जबकि एक अन्य का मरीज है। डा. चौधरी ने बताया कि पहले वेब की तुलना में सेकेंड वेब में कोविड से मरने वाले मरीजाें की संख्या ज्यादा है। इसमें जिन्हें कैंसर, फेफड़े का संक्रमण, ब्लड प्रेशर, शुगर की समस्या है उसमें कोरोना का संक्रमण तेजी से प्रभावित करता है।

टीएमएच की आक्सीजन क्षमता बढ़कर हुई 19 हजार लीटर

टाटा मेन हॉस्पिटल के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी ।

डा. चौधरी ने बताया कि तीसरे वेब की तैयारी को देखते हुए टीएमएच ने अपनी आक्सीजन क्षमता को छह हजार लीटर से बढ़ाकर 19 हजार लीटर किया है। सामान्य दिनों में टीएमएच में 2000 से 2400 लीटर लिक्विड आक्सीजन की हर दिन खपत होती थी लेकिन पहले व दूसरे वेव में यह बढ़कर 5700 लीटर हो चुका है। ऐसे में लिंडे कंपनी कभी भी एक दिन में दो-दो बार आक्सीजन भरकर जाती थी इसलिए मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने 13 हजार लीटर का दूसरे कंटेनर लगाया है जो अभी ट्रायल पर हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि तीसरे वेव के लिए हम बेड, वेंटीलेटर, आक्सीजन, रेगुलेटर, आक्सीजन पाइप जैसे संसाधन जुटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ संसाधन हमारे पास हैं तो कुछ मंगवाया जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया कि डीआरडीओ द्वारा बनाया गया 2जीबी नई दवा अभी प्रोडक्शन में नहीं है। जब उत्पादन शुरू होगा तो हम भी इसका इस्तेमाल करेंगे।

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