अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 135 बेड, बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड, पर नहीं लगा ऑक्सीजन प्लांट

देश में लगातार छह दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। केरल में स्थिति बेकाबू हो गई है। इसे केंद्र सरकार ने गंभीरता से लेते हुए राज्यों को चेताया है। थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो वह खतरनाक साबित हो सकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:56 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:56 PM (IST)
अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 135 बेड, बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड, पर नहीं लगा ऑक्सीजन प्लांट
जमशेदपुर के सरकारी अस्पताल में मैनपावर की कमी बरकरार है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। देश में लगातार छह दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। केरल में स्थिति बेकाबू हो गई है। इसे केंद्र सरकार ने गंभीरता से लेते हुए राज्यों को चेताया है। थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो वह खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि, इससे निपटने की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है।

दैनिक जागरण की टीम परसुडीह स्थित सदर अस्पताल पहुंची। कोरोना की दूसरी लहर में यहां मरीजों के लिए काफी अच्छी व्यवस्था की गई थी। 100 बेड का इंतजाम था और सभी पर ऑक्सीजन उपलब्ध था। इससे मरीजों को काफी राहत मिली। हालांकि, मैनपावर की कमी बरकरार है। इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई है। जबकि तीसरी लहर से निपटने के लिए दूसरी लहर के दौरान चिन्हित की गई खामियों को दूर करने का निर्णय लिया गया था। अब बेड की संख्या 100 से बढ़ाकर 135 कर दी गई है।

बच्चों के लिए दस बेड का बना स्पेशल वार्ड

वैज्ञानिकों के अनुसार, तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है। इसे देखते हुए सदर अस्पताल में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। उसमें एबीसी से लेकर क, ख, ग और कार्टून तक बनाए गए हैं। ताकि बच्चे खेल-खेल में स्वस्थ हो सकें। 10 बेड के इस वार्ड को प्ले स्कूल की तरह बनाया गया है। सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। इस वार्ड में शिशु रोग चिकित्सकों को तैनात किया जाएगा लेकिन उनकी संख्या पर्याप्त नहीं होने की वजह से दिक्कत हो सकती है।

सदर अस्पताल में दस बेड का वेंटिलेटर भी संचालित

सदर अस्पताल में आइसीयू भी संचालित हो रहा है। यहां दस वेंटिलेटर लगी हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि तीसरी लहर में अगर गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी और उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी तो इसका उपयोग भी किया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सकें। सदर अस्पताल के लिए आइसीयू बड़ा उपलब्धि माना जा रहा है।

सिर्फ जगह चयनित हुई, नहीं लगा प्लांट

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक मरीजों को ऑक्सीजन की दिक्कत हुइ थी। इसे देखते हुए सदर अस्पताल में पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्सार्पशन) ऑक्सीजन प्लांट लगना था लेकिन अभी तक नहीं लगा है। सिर्फ जगह चयनित हुई है लेकिन प्लांट लगाने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। जबकि प्लांट लगाने के लिए जगह का चयन डेढ़ माह पूर्व ही हो चुका है। ऐसे में अगर समय पर प्लांट नहीं लगा तो मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बरकरार है मैनपावर की कमी

दूसरी लहर के दौरान डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों की संकट पड़ गई थी। इसे देखते हुए तीसरी लहर से पूर्व बहाली करने की तैयारी है लेकिन अभी तक नहीं हुई है। जिले में वेंटिलेटर चलाने के लिए भी विशेषज्ञ डॉक्टर व टेक्नीशियनों की जरूरत है। फिलहाल जिले के सरकारी अस्पतालों में लगभग 43 वेंटिलेटर मौजूद है।

टाटा स्टील ने 200 सिलेंडर दिए कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए

टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से सदर अस्पताल को 200 सिलेंडर दिया गया है। ये ऑक्सीजन सिलेंडर चिकित्सीय संसाधनों को दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी होंगे। वहीं, सदर अस्पताल में पूर्व से भी लगभग 50 सिलेंडर उपलब्ध है। ऐसे में मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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