सावधान ! अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी, 60 फीसद बच्चे हो सकते हैं पॉजिटिव

राज्य में अगस्त माह में कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी जारी की गई है। इसे लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) टाटा मोटर्स अस्पताल व टिनप्लेट अस्पताल को पत्र लिखकर अलर्ट किया गया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:17 AM (IST)
सावधान ! अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी, 60 फीसद बच्चे हो सकते हैं पॉजिटिव
सावधान ! अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी, 60 फीसद बच्चे हो सकते हैं पॉजिटिव

अमित तिवारी, जमशेदपुर : राज्य में अगस्त माह में कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी जारी की गई है। इसे लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), टाटा मोटर्स अस्पताल व टिनप्लेट अस्पताल को पत्र लिखकर अलर्ट किया गया है। साथ ही तैयारी से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब की गई है।

स्थिति से निपटने के लिए अभी से करनी होगी तैयारी

विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में है कि वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार, कोविड-19 के तीसरे चरण की आशंका और चेतावनी जो भारत को अगस्त 2021 के आसपास प्रभावित कर सकती है। इसमें मुख्य रूप से बच्चे बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे। इसलिए ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी जरूरी है। इस संदर्भ में विभाग को भी सूचित किया जाए कि इससे निपटने को उनके यहां क्या-क्या सुविधाएं मौजूद है। ताकि उसपर आगे की कार्रवाई की जा सकें। इसकी समीक्षा के लिए बहुत जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी। इधर, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल भी तैयारी शुरू कर दी है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकें।

बढ़ानी होगी 150 से 200 पीआईसीयू बेड

तीसरी लहर आने तक अधिक से अधिक व्यस्कों का टीकाकरण हो चुका होगा। वहीं, कुछ लोग वैसे भी होंगे जिनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी होगी। ऐसे में वायरस का अटैक बच्चों पर अधिक होगा। कारण कि वे न तो वैक्सीन लिए हैं और न ही उनके शरीर में व्यस्कों जैसी एंटीबॉडी बना है। मास्क भी नहीं पहनते। सबसे चिंता की बात यह है कि वे अपनी परेशानी बता भी नहीं पाएंगे। ऐसे में बिना लक्षण वाले बच्चों में कोरोना की पहचान करना काफी मुश्किल होगा। जब बच्चों की स्थिति गंभीर होगी तो वे अस्पताल पहुंचेगे। इस दौरान अगर उन्हें बेहतर चिकित्सा नहीं मिली तो उनकी जान बचाना मुश्किल होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, तीसरी लहर से निपटने के लिए जमशेदपुर में बच्चों के लिए 150 से 200 बेड का पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) होना जरूरी है। फिलहाल पूरे शहर के अस्पतालों को मिला दिया जाए तो 20 से 22 पीआईसीयू है।

दूसरी लहर में 927 बच्चे हुए पॉजिटिव

पूर्वी सिंहभूम जिले में दूसरी लहर की शुरुआत 28 मार्च से हुई है। तब से लेकर 16 मई तक यानी 50 दिन में 927 बच्चे संक्रमित हुए है। वहीं, पहली लहर में यानी मई 2020 से अप्रैल 2021 तक कुल 844 बच्चे संक्रमित हुए थे। दूसरी लहर में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार, तीसरी लहर में 50 से 60 फीसद सिर्फ बच्चे ही शामिल होंगे, जिससे निपटना मुश्किल होगी।

क्या कहते हैं चिकित्सक

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है। इससे निपटने के लिए अलग वार्ड व पीआईसीयू की जरूरत होगी। क्योंकि इन्हें अन्य बीमारियों से संबंधित बच्चों के साथ नहीं रखा जा सकता है। - डॉ. शुभोजित बनर्जी, शिशु रोग विशेषज्ञ।

वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी लहर आने की संभावना व्यक्त की गई है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। ऑक्सीजन सहित बेडों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। - डॉ. एके लाल, सिविल सर्जन।

पहली लहर (12 मई 2020 से 27 मार्च 2021)

0 से 14 साल तक के कुल संक्रमित हुए बच्चे : 844

लड़का : 487

लड़की : 357

दूसरी लहर (28 मार्च 2021 से 16 मई 2021)

0 से 14 साल तक के कुल संक्रमित हुए बच्चे : 1771

लड़का : 997

लड़की : 774

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