अखबार से नहीं फैलता कोरोना, मिलती है दुनिया की जानकारी

सोशल मीडिया पर उड़ाई गई इस अफवाह में कोई दम नहीं है कि अखबार से कोरोना का संक्रमण फैलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण अखबारों और पत्रिकाओं के जरिये नहीं फैलता। ऐसा एक भी मामला कहीं सामने नहीं आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी कहा है कि अखबार छूने से इसके फैलने का कोई खतरा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की तस्दीक कर दी है कि अखबार से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 04:23 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 04:23 AM (IST)
अखबार से नहीं फैलता कोरोना, मिलती है दुनिया की जानकारी
अखबार से नहीं फैलता कोरोना, मिलती है दुनिया की जानकारी

जासं, जमशेदपुर : सोशल मीडिया पर उड़ाई गई इस अफवाह में कोई दम नहीं है कि अखबार से कोरोना का संक्रमण फैलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण अखबारों और पत्रिकाओं के जरिये नहीं फैलता। ऐसा एक भी मामला कहीं सामने नहीं आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी कहा है कि अखबार छूने से इसके फैलने का कोई खतरा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की तस्दीक कर दी है कि अखबार से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता। कोरोना इतनी जल्दी धरती से खत्म होने नहीं जा रहा। ऐसे में इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। अभी तक अखबार से संक्रमित होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। सोशल मीडिया की खबरों पर कतई ध्यान देने की जरूरत नहीं है। अखबार की छपाई से लेकर वितरण तक में बचाव के सभी मानदंडों का पालन हो रहा है ऐसे में इसके पढ़ने से कोरोना का खतरा की कोई संभावना नहीं है। हम सभी को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसे ही विचार शहर के जानेमाने लोगों ने भी व्यक्त किए हैं।

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अखबार के माध्यम से पूरी दुनिया को मिलती है सही जानकारी

अब तक ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई है जिससे यह कहा जाए कि अखबार पढ़ने से कोरोना वायरस का संक्रमण होता है। इसलिए जो अफवाहें सोशल मीडिया पर उड़ रही हैं, वह पूरी तरह से बकवास हैं। गलत है। देश में जब क्राति हुई तो प्रेस व पत्रिका की अहम भूमिका थी। अंग्रेजों के विरुद्ध भी जब लड़ाई चल रही थी तो लोग पत्र व पत्रिका निकालते थे। आज भी जनता व पूरी दुनिया को अखबार के माध्यम से ही सही जानकारी मिल रही है। प्रेस एक सशक्त माध्यम है जो किसी सरकार को बना व गिरा सकता है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। जितना आईना साफ रहेगा, उतना ही चेहरा भी साफ दिखेगा। इसलिए समाचार पत्रों की महत्ता को कम नहीं किया जा सकता है।

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री, झारखंड।

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कर्मयोगियों को करना चाहिए सलाम, सैनिटाइज होता है अखबार

समाचार पत्र कदापि कोरोना के वाहक नहीं है। वैश्विक महामारी ने हर क्षेत्र को लॉकडाउन कर रखा है। सुबह चाय पीना हो तो आपको अखबार चाहिए। इस कारण यह आपके पास पूरी तरह सुरक्षित होकर पहुंच रहा है। अखबार का प्रारूप पूर्णरूपेण डिजिटल है। हमें कर्मयोगियों (वितरकों) को सलाम करना चाहिए। वे सबसे अहम वस्तु हमें पहुंचा रहे हैं। अखबार पुष्टि के साथ सारी खबरें दे रहे हैं। बहुत से माध्यम से गलत सूचनाएं लोग एकत्र कर ले रहे हैं। ये सूचनाएं भयभीत मन को और भयाक्रात करती हैं। लेकिन अखबार सबसे विश्वनीय साधन हैं। इसे जरूर अपनाएं। समाचार पत्र पढ़ने से कोई संक्रमण नहीं फैलता। यूएसए सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल के अनुसार जीवित कोशिकाओं के बाहर ज्यादातर सतहों पर कोरोना वायरस का कोई प्रकोप नहीं होता। यदि आप देख रहें हों तो अखबारों में पहले जो अलग से सप्लीमेंट आते थे, उन सप्लीमेंटों को अखबार के अंदर कर दिया गया है। इन्हें हॉकर छाटते थे। अखबार के मालिकों ने भी संक्रमण न फैले, इसका पूर्ण रूप से ध्यान रखा है। हॉकर सुरक्षा उपकरणों से लैस होकर ही अखबार पहुंचाते हैं। यह पूर्ण रूप से सैनिटाइज है। आज का अखबार पूरी तरह डिजिटल माध्यम से छप रहा है।

डॉ. अनिता शर्मा, शिक्षिका, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

कोरोना से सावधान व सतर्क रहें, मनोरोगी न बनें

कोरोना को लेकर तरह-तरह की भ्राति फैल रही है। इसी में यह भी कहा जा रहा है कि अखबार से कोरोना फैलता है, जबकि ऐसा नहीं है। कोरोना से सतर्क रहें, लेकिन मनोरोगी न बन जाएं, इसका ध्यान रखें। अभी तक देश-दुनिया में लाखों लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, लेकिन कहीं भी यह बात सामने नहीं आई कि अखबार से किसी को कोरोना हुआ हो। कोरोना को आतंक का विषय ना बनाएं। अखबार ही हमें कोरोना की वास्तविक सूचना देता है, जागरूक करता है। इसी तरह लोग सामाजिक दूरी (सोशल डिस्त्र्टेंसग) का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं, जबकि कोरोना में शारीरिक दूरी (पर्सनल डिस्त्र्टेंसग) की बात कही जाती है। सतर्क रहें, सावधान रहें, सचेत रहें, यही कोरोना से बचाव का कारगर तरीका है।

सरयू राय, विधायक, जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा

पूर्व की तरह नियमित पढ़ता हूं अखबार, करता हूं भरोसा

अखबार पढ़ने में जो मजा है, वह मोबाइल फोन और टेलीविजन के समाचार में नहीं है। कारण कि इसमें स्थानीय खबर से लेकर देश-विदेश की खबरें एक साथ कुछ मिनट में ही मिल जाता है। बगैर पेपर पढ़े संतोष नहीं मिलता है। जिस दिन समाचार पत्र ने पढ़ें तो लगता है कुछ खो गया है। सुबह उठने के बाद अखबार देखने की आदत लग गई है। इधर, कोरोना को लेकर अखबार पढ़ने पर कुछ भ्रातिया फैली हैं, जो गुमराह करने वाली हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर अन्य कई संस्थाओं ने भी स्पष्ट किया है कि अखबार छूने या पढ़ने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। ऐसे भी आज कल अखबारों र्की ंप्र्रंटग के साथ ही उसे सैनेटाइज भी किया जा रहा है। मैं पूर्व ही तरह नियमित अखबार पढ़ता हूं।

विजयंत रंजन, प्लाट हेड, टाटा पावर जोजोबेड़ा संयंत्र।

बगैर अखबार पढ़े नहीं शुरू होती मेरी दिनचर्या

बगैर अखबार पढ़े दिनचर्या ही शुरू नहीं होती है। कंपनी में नियमित अखबार आता है। यहा सभी लोग अखबार पढ़ते हैं। अखबार ही ऐसा माध्यम है जिससे स्थानीय, शहर व देश-विदेश का समाचार मालूम होता है। इधर, कोरोना को लेकर कुछ लोग अखबार नहीं पढ़ने की बात कर रहे हैं, जो गलत है। समाज में गलत भ्रातिया फैलायी जा रही हैं। अखबार छूने व पढ़ने से किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। इससे कोरोना कभी नहीं होगा। अखबार समाज में प्रहरी का काम करता है, इस औद्योगिक शहर में अखबार का और ज्यादा महत्व है। इसे दिनचर्या से अलग नहीं कर सकते। इससे कोरोना का भय नहीं है।

विनीत अग्रवाल, प्लाट हेड, स्टील स्ट्रिप्स ,व्हील्स, र्गोवदपुर।

अखबार से महामारी नहीं

अखबार समाज का आईना है। इसे नियमित पढ़कर पाठक ज्ञानवद्र्धक बातें प्राप्त करते हैं। अखबार से कोरोना नहीं होता है। अखबार प्रेस से नियमित रूप से सैनिटाइज होकर निकलता है। उसके बाद पाठकों के हाथ में पहुंचता है। कोरोना वायरस वैसे संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने से होता है, जो पहले से संक्रमित हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति दुकान से फल खरीदते समय फलों को स्पर्श करता है, तो उसे दूसरे ग्राहक छूने की स्थिति में संक्रमण होने की संभवना अधिक रहती है। सभी को मुंह में मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाकर रखना अनिवार्य है। स्वंय सुरक्षित रहें और परिवार को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए संकल्प लेकर चलना होगा।

डॉ. बीके सिन्हा, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी नोवामुंडी।

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