Coronavirus New Strain Symptoms: 25 फीसद फेफड़ा डैमेज होने के बाद सामने आ रहा कोरोना का लक्षण, डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे
Corona News Symptom. कोरोना का नया स्ट्रेन लोगों पर तेजी से हमला कर रहा है। कई ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनका फेफड़ा पहले से ही 25 फीसद डैमेज हो चुका रह रहा है उसके बाद उनमें कोरोना के लक्षण उभर रहे हैं।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। कोरोना का नया स्ट्रेन लोगों पर तेजी से हमला कर रहा है। कई ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनका फेफड़ा पहले से ही 25 फीसद डैमेज हो चुका रह रहा है, उसके बाद उनमें कोरोना के लक्षण उभर रहे हैं। इसके बाद मरीज जांच कराने पहुंच रहे हैं।
रिपोर्ट आने तक अधिकांश मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लग रही है। 60 से 65 फीसद मरीजों में इस बार सांस लेने में परेशानी हो रही है। उनका ऑक्सीजन लेबल तेजी से घट रहा है। दो से तीन दिनों के अंदर 80 से नीचे पहुंच जा रहा है। ऐसे में उन्हें ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत पड़ रही है। इस दौरान अगर किसी मरीज को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिले तो उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। कोरोना की पहली लहर में औसतन गंभीर रोगियों में एसपीओटू (ऑक्सीजन का स्तर) 88-87 फीसद से नीचे था लेकिन इस बार घटकर 70 से 80 पहुंच जा रहा है। ऐसे रोगियों की संख्या अधिक है।
शरीर में लक्षण नहीं लेकिन सिटी स्कैन से पता चल पॉजिटिव
कोरोना की दूसरी लहर में नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं, जिसे डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो मरीज कान से सुनाई नहीं देने की शिकायत लेकर पहुंचे लेकिन जांच कराई गई तो वे पॉजिटिव मिले। वहीं, हाथ में झनझनाहट, शरीर में खुजली, आंख में धुंधलापन, ब्लड प्रेशर का बढ़ना सहित अन्य शामिल है। वहीं, कई ऐसे रोगी भी मिल रहे हैं जिनके शरीर में कोई लक्षण नहीं है लेकिन जब सिटी स्कैन कराई जा रही है तो सिटी वैल्यू 35 या उससे कम आ रहा है। यानी वे पॉजिटिव हैं। सिटी वैल्यू 22 से कम होने पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है।
डॉक्टर भी खा रहे चकमा, 55 से अधिक संक्रमित
नए स्ट्रेन चिकित्सकों को भी चकमा देने में सफल रहा है। नतीजा है कि शहर के लगभग 55 से अधिक चिकित्सक संक्रमित हैं। इसमें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल, टाटा मोटर्स अस्पताल, मर्सी अस्पताल, ब्रह्मानंद अस्पताल सहित अन्य शामिल हैं। इसमें 17 चिकित्सकों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है जो ऑक्सीजन या फिर वेंटिलेटर पर है। दरअसल, चिकित्सक भी लक्षण समझने में गच्चा खा जा रहे है। जबतक लक्षण सामने आ रही है तब तक उनके फेफड़े को काफी डैमेज कर दे रहा है।
ये कहते डाॅक्टर
नए स्ट्रेन मरीजों के फेफड़े को तेज गति से नुकसान पहुंचा रहा है। कई मरीजों में देखा जा रहा है कि जबतक उसमें कोरोना के लक्षण सामने नजर आ रहे हैं तब तक उनके फेफड़ा 20 से 25 फीसद तक डैमेज हो चुका रह रहा है, जो चिंता का विषय है। पहली लहर में ऐसा नहीं था।
- डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।