Corona Treatment: होम आइसोलेशन में हैं तो भी यह टेस्ट कराना जरूरी, जानिए

Corona Positive Attention जमशेदपुर में फिलहाल सात हजार से ज्यादा कोरोना मरीज हैं जिसमें अधिकतर होम आइसोलेशन में हैं। घर में रहने वाले मरीजों को सीबीसी या सीआरपी टेस्ट कराने की सलाह देते हैैं। आपको यह जानना जरूरी है होम आइसोलेशन में कब कौन टेस्ट कराएं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 05:59 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 07:41 AM (IST)
Corona Treatment: होम आइसोलेशन में हैं तो भी यह टेस्ट कराना जरूरी, जानिए
कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पहले ही दिन कराएं टेस्ट।

जमशेदपुर, जेएनएन। झारखंड के जमशेदपुर में फिलहाल सात हजार से ज्यादा कोरोना मरीज हैं, जिसमें अधिकतर होम आइसोलेशन में हैं। घर में रहने वाले मरीजों को सीबीसी या सीआरपी टेस्ट कराने की सलाह देते हैैं। कुछ लोग सीटी स्कैन भी करा रहे हैं। आपको यह जानना जरूरी है होम आइसोलेशन में कब कौन टेस्ट कराएं।

पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पहले ही दिन ब्लड टेस्ट कराना होता है, जिससे बीमारी की गंभीरता का पता चल जाता है। सीआरपी टेस्ट भी कराना चाहिए, जिसे सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट कहा जाता है। इसके अलावा एलडीएच टेस्ट कराना चाहिए। खून का थक्का कितना जम रहा है, इसकी स्थिति को जांचने के लिए डी डाइमर टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा सीबीसी, केएफटी व एलएफटी रुटीन टेस्ट भी करवाना चाहिए। उक्त टेस्ट को दो दिन बाद फिर करवाना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि इन दो दिनों में क्या बदलाव आए हैं।

बुजुर्गों को सीबीसी कराना जरूरी

अगर आप युवा व स्वस्थ हैं तो फिर ब्लड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। बुजुर्गों को सीबीसी कराना जरूरी है, इसमें प्लेटलेट्स के अलावा सफेद रक्त कण की मात्रा का पता जलता है।

संक्रमण के सातवें दिन सीटी स्कैन कराना जरूरी

संक्रमण के सातवें दिन सिटी स्कैन कराना जरूरी होता है। खासकर वैसे मरीजों को जिन्हें बुखार के साथ-साथ खांसी हो। सिटी स्कैन से यह पता चलता है कि आपको निमोनिया तो नहीं हो रहा है। अगर रिपोर्ट में निमोनिया गंभीर होता है तो फिर अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

यहां जानिए, किस टेस्ट का क्या काम होता है

सीआरपी-सी रिएक्टिव प्रोटीन कब कराएं-पहला दिन इससे क्या होगा-यह बीमारी की स्थिति को बताता है। इन बातों का रखें ख्याल-बीमारी पता चलने के दो या तीन दिन बाद फिर ब्लड टेस्ट करा लें, ताकि दवा का असर पता चल सके। युवा व स्वस्थ लोगों को ब्लड टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है।

सीबीसी, केएफटी व एलएफटी इससे क्या होगा-यह रुटीन टेस्ट भी जरूरी होता है।

आईएल-6 कब कराएं-यह जांच वैसे गंभीर मरीजों को की जाती है, जो अस्पताल में भर्ती हैं।

एलडीएच टेस्ट कब कराएं-रिपोर्ट आने के दिन इससे क्या होगा-बीमारी की गंभीरता का पता चलेगा।

डी डिमर कब कराएं-रिपोर्ट आने के दिन इससे क्या होगा-इस रिपोर्ट से खून में थक्का जमने की स्थिति का पता चलेगा।

छाती का सीटी स्कैन कब कराएं-संक्रमण के सातवें दिन कराना जरूरी होता है। वैसे लोगों को यह जरूरी है, जिन्हें बुखार व खांसी की शिकायत है। इससे क्या होगा-इस टेस्ट से निमोनिया का पता चल जाता है।

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