Covid 19 : कोरोना मरीजों को अस्पतालों में नहीं मिल पा रहा बेड, हार्ट, किडनी व पैरालाइसिस के रोगी भी भटक रहे
Coronavirus. घरों में मरीजों का दम घुट रहा है। बेड के लिए पैसा-पैरवी भी काम नहीं आ रहा है। डॉक्टर को लोग लगातार फोन कर रहे हैं।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। सोनारी निवासी कोरोना के एक संदिग्ध मरीज को सांस लेने में परेशानी हुई तो गुरुवार को वह टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) भर्ती होने के लिए पहुंची लेकिन उन्हें बेड नहीं मिला। दूसरे अस्पताल जाने को कहा गया। इसके बाद वह महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल आई तो यहां भी बेड फुल बताया गया। इसके बाद वह घर लौट गई।
इसी तरह, बुधवार को एक कोरोना पॉजिटिव नर्स बेड के लिए एमजीएम से टीएमएच का चक्कर लगाती रही। तीन दिनों के बाद उन्हें बेड मिला। ऐसे तमाम लोग हैं जो बेड के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इधर, शहर के कई बड़े अस्पताल बंद होने से हार्ट, किडनी, न्यूरो सहित अन्य रोगियों को भी इलाज मिलना बंद हो गया है। विभिन्न अस्पतालों को मिलाकर लगभग 500 बेड का अस्पताल बंद हो चुका है। शहर की स्थिति भयावह हो चुकी है। जिम्मेदारों ने अगर जल्द ही कोई व्यवस्था नहीं की तो इलाज के अभाव में मरीजों की जान जाने में देरी नहीं होगी।
कौन-कौन अस्पताल चल रहे बंद
ब्रह्मानंद अस्पताल : तामुलिया स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल के तीन डॉक्टर सहित एक दर्जन कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है। वहीं, जो भर्ती हैं उन्हें छुट्टी दी जा रही है। 200 बेड वाले इस अस्पताल में हार्ट, किडनी, कैंसर व मेडिसीन का इलाज होता था। यहां रोजाना लगभग 300 मरीज इलाज कराने पहुंचते थे। संभवत: यह सोमवार तक बंद रहेगा।
मेडिका अस्पताल : बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल बंद हो रहा है। डेढ़ सौ बेड वाले इस अस्पताल में किडनी, हार्ट, न्यूरो, मेडिसीन, सर्जरी सहित अन्य विभाग संचालित होता था। लेकिन, अब यहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहता। जिसके कारण मरीजों को इलाज मिलना बंद हो गया है। बंद होने का कारण अस्पताल को लगातार हो रहर घाटा बताया जा रहा है। यहां रोजाना लगभग 300 मरीज इलाज कराने पहुंचते थे।
लाइफ लाइन नर्सिंग होम : साकची स्थित लाइफ लाइन नर्सिंग होम के एक दर्जन से अधिक स्टाफ कोरोना पॉजिटिव निकल गए। इसके बाद नर्सिंग होम को बंद कर दिया गया है। यहां पर लगभग सभी रोगों के डॉक्टर मौजूद रहते थे। वहीं, इनडोर की भी सुविधा है। लगभग 80 बेड लगे हुए हैं, जहां पर मरीजों को भर्ती किया जाता था। लेकिन, फिलहाल अस्पताल बंद है। कब खुलेगा किसी को नहीं पता। इस अस्पताल में एक दवा दुकान भी संचालित होता था जो 24 घंटे खुला रहता था।
स्मृति सेवा सदन : डिमना चौक स्थित स्मृति सेवा सदन के एक डॉक्टर पहले कोरोना पॉजिटिव निकले। इसके बाद यहां पर एक के बाद एक कर्मचारी संक्रमित होते चले गए। इसे देखते हुए अस्पताल को बंद कर दिया गया है। यहां पर महिला एवं प्रसूति विभाग से संबंधित इलाज, सर्जरी, मेडीसन सहित अन्य रोगों का इलाज होता था। 80 बेड के अस्पताल में गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया जाता था। यहां ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज अधिक आते थे।
मर्सी अस्पताल : बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल के डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकल चुके हैं। इसे देखते हुए अस्पताल को बंद कर दिया गया था। लेकिन, अब खुलने के बाद सिर्फ उसी मरीज को भर्ती लिया जा रहा है जो कोरोना जांच कराकर पहुंच रहे हैं। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। जुगसलाई के एक मरीज को भर्ती नहीं लिया गया और एमजीएम में भेज दिया गया था। यहां लाते लाते रास्ते में ही उनकी मौत हो गई थी।
सदर अस्पताल : परसुडीह स्थित सदर अस्पताल खुला है लेकिन यहां हर दो दिन पर कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। इसके बाद ओपीडी व इमरजेंसी दो घंटे के लिए बंद कर दिया जाता है और उसे सैनिटाइज कर दोबोरा खोल दिया जाता है। लेकिन, महिला एवं प्रसूति विभाग बीते पांच दिनों से बंद है। यहां एक गर्भवती पॉजिटिव मिली थी। उसके संपर्क में डॉक्टर सहित कई लोग आए थे। इसके बाद सभी का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद इसे खोला जाएगा।
एमजीएम अस्पताल : साकची स्थित एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर सहित लगभग 70 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं। वे सारे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इसमें कई गंभीर भी हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज राम भरोसे ही चल रहा है। कोविड वार्ड में भर्ती छह में से चार डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हैं। वहीं, अनुबंध पर तैनात 17 चिकित्सकों ने समय खत्म होने की वजह से आना बंद कर दिया है। यहां बेड मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। वहीं, फर्श पर भी मरीज भर्ती हैं।
टीएमएच : बिष्टुपुर स्थित टीएमएच अस्पताल के सारे बेड फुल हो चुके हैं। यहां भर्ती टाटा स्टील के कर्मचारी या फिर जिला स्वास्थ्य विभाग जिन्हें भेजता है, सिर्फ उन्हीं मरीजों को भर्ती लिया जा रहा है। टीएमएच में कोरोना जांच की भी सुविधा है लेकिन सभी के लिए नहीं। कोविड के अलावे सभी विभागों में बेड फुल होने की वजह से मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है।