कोरोना से बढ़ा मानसिक तनाव और अब ब्रेन स्ट्रोक का भी अधिक खतरा

सकारात्मक सोच योग शारीरिक श्रम व अपने कार्यों में जुटे रहना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:15 AM (IST)
कोरोना से बढ़ा मानसिक तनाव और अब ब्रेन स्ट्रोक का भी अधिक खतरा
कोरोना से बढ़ा मानसिक तनाव और अब ब्रेन स्ट्रोक का भी अधिक खतरा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोरोना की वजह से मानसिक तनाव के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। उक्त बातें गुरुवार को नैचुरोपैथिक विशेषज्ञ डॉ. अनिल राय ने कहीं। मौका था सोनारी में ब्रेन स्ट्रोक दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का। उन्होंने जूम एप के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। डॉ. अनिल राय ने कहा कि भागदौड़ की जिदगी में मानसिक तनाव पहले से हीं हावी था। इसमें अब कोरोना भी जुड़ गया है। ऐसे में मानसिक तनाव के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रही है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके निदान के लिए सकारात्मक सोच, योग, शारीरिक श्रम व अपने कार्यों में जुटे रहना होगा। मानसिक तनाव की वजह से भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के अन्य कारणों के अलावा मुख्य कारण मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, अनुचित आहार, ध्रुमपान, व्यायाम की कमी सहित अनेकों असहज जीवन शैली शामिल हैं। आघात से बचने के लिए सूचनात्मक कार्यशालाओं में शामिल हों, धूमपान का त्याग करें, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें एवं प्राकृतिक से जुड़े रहें।

सही समय पर इलाज जरूरी :

डॉ. अनिल राय ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक पड़ने के दो से तीन घंटे के अंदर इलाज जरूरी है। इस दौरान थक्के को निकाल दिया जाता है जिससे मरीज की जान बच जाती है। ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। हिमैरजिक और इस्केमिक। ब्रेन स्ट्रोक के 70 फीसद लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक होता है। बाकी ब्रेन हैमरेज का कारण हिमैरजिक होता है। 30 से 40 फीसद मरीजों का इलाज नसों के जरिए दिमाग का उपचार किया जाता है।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान :

- चेहरा एक तरफ लटके

- एक हाथ में बल न लगना

- बोलने में लड़खड़ाहट

- सिर में तेज दर्द

- एकदम से देखने में एक या दोनों आंख में परेशानी

- एक दम से चक्कर आना

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