Corona Fighter: 20 दिन जूझने के बाद एक परिवार ने ऐसे दी कोरोना को मात, 81 वर्षीय बुजुर्ग से लेकर 9 वर्षीय बालक तक सभी थे संक्रमित

Corona Fighter हौसला ही कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे बड़ी वैक्सीन है। इस सूत्र वाक्य को पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया के महंती परिवार ने साबित कर दिखाया है। इस परिवार के तीन पीढ़ी के लोग एक साथ कोरोना की चपेट में आ गए थे। लेकिन...

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:17 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:29 AM (IST)
Corona Fighter: 20 दिन जूझने के बाद एक परिवार ने ऐसे दी कोरोना को मात, 81 वर्षीय बुजुर्ग से लेकर 9 वर्षीय बालक तक सभी थे संक्रमित
कोरोना को मात देने वाला चाकुलिया का महंती परिवार ।

 चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम),पंकज मिश्रा। हौसला ही कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे बड़ी वैक्सीन है। इस सूत्र वाक्य को पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया के महंती परिवार ने साबित कर दिखाया है। इस परिवार के तीन पीढ़ी के लोग एक साथ कोरोना की चपेट में आ गए थे। लेकिन उन्होंने हौसला एवं सूझबूझ के साथ करीब 20 दिनों तक डटकर इस जानलेवा वायरस का मुकाबला किया और आखिरकार इसे हराने में सफल रहे। अब परिवार के सभी लोग कोरोना नेगेटिव एवं स्वस्थ हैं।

विदित हो कि बीते 15 अप्रैल को स्थानीय सीएचसी में हुई जांच में महंती परिवार के चार लोग एक साथ पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें परिवार के मुखिया 81 वर्षीय अभय महंती, 66 वर्षीय उनकी पत्नी प्रभाती महंती, 40 वर्षीय बहू नवनीता महंती तथा 9 वर्षीय पुत्र अधरिक महंती शामिल थे। सभी को प्रशासन ने होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया। चंद दिनों के भीतर ही परिवार के अन्य सदस्यों में भी संक्रमण का लक्षण दिख गया। इससे महंती परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा। जब घर के सारे लोग संक्रमित हो गए तो यह समस्या उठ खड़ी हुई कि उनके लिए कौन भोजन पकाए और कौन दवाई लाए।

आक्सीजन लेवल घटने से बढी समस्या

स्थिति तब और चिंताजनक हो गई जब पहले से ही फेफड़े के संक्रमण से जूझ रहे अभय महंती का ऑक्सीजन लेवल घटने लगा। आनन-फानन में उनके लिए रात में ऑक्सीजन सिलेंडर लाया गया। लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हुई। परेशानी तब और बढ़ गई जब कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर जाकर ऑक्सीजन लगाने को शहर का कोई भी कंपाउंडर तैयार नहीं हुआ। आखिरकार उनके पुत्र नॉटन महंती ने फोन पर पूछताछ कर खुद पिता को ऑक्सीजन लगाया। 2 दिन ऑक्सीजन देने के बाद महंती की स्थिति में सुधार होने लगा। इस बीच उनकी पत्नी की स्थिति खराब होने लगी। तीन-चार दिन बाद जब उनकी सेहत में सुधार हुआ तो पुत्र नोटन महंती बीमार हो गए।

इस तरह उबरे

लेकिन तमाम मुश्किलातों के बावजूद महंती परिवार ने कभी हिम्मत नहीं हारी। धीरे धीरे कर परिवार के सभी लोग कोरोना से उबर आए। गत 5 मई को जब दोबारा टेस्ट किया गया तो सारे लोग नेगेटिव पाए गए। हालांकि मुसीबत की घड़ी में महंती परिवार के पड़ोसी नियोगी परिवार एवं कुछ अन्य मित्रों ने उनकी काफी मदद की।

chat bot
आपका साथी