Hindu New Year celebration 2021: हिंदू नववर्ष उत्सव पर कोरोना ने लगातार दूसरे वर्ष लगाया ब्रेक, भगवा झंडे से शहर पटा

Hindu New Year celebration 2021 जमशेदपुर में प्रत्येक वर्ष विक्रम संवत प्रारंभ होने की खुशी में विशाल उत्सव यात्रा निकलती थी। इसकी तैयारी चैत्र मास के चढ़ते ही होने लगती थी लेकिन यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब कोरोना ने इस पर ब्रेक लगा दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:59 PM (IST)
Hindu New Year celebration 2021: हिंदू नववर्ष उत्सव पर कोरोना ने लगातार दूसरे वर्ष लगाया ब्रेक, भगवा झंडे से शहर पटा
कोरोना को देखते हुए जिला प्रशासन ने बढे आयोजन की अनुमति नहीं दी।

जमशेदपुर, जासं। Hindu New Year celebration 2021 जमशेदपुर में प्रत्येक वर्ष विक्रम संवत प्रारंभ होने की खुशी में विशाल उत्सव यात्रा निकलती थी। इसकी तैयारी चैत्र मास के चढ़ते ही होने लगती थी, लेकिन यह लगातार दूसरा वर्ष होगा, जब कोरोना ने इस पर ब्रेक लगा दिया है।

इस बार भी हिंदू उत्सव समिति ने दो अप्रैल को डिमना स्थित एमजीएम कालेज के पास पूजा-अर्चना की थी, लेकिन उसी दिन इस बात की घोषणा कर दी गई थी कि शोभायात्रा या उत्सव यात्रा नहीं निकलेगी। उसी दिन समिति के सदस्यों ने संकल्प लिया था कि उत्सव यात्रा भले ही नहीं निकले, पूरे शहर को भगवा झंडे से पाट दिया जाएगा। उस दिन से डिमना रोड, साकची गोलचक्कर, बारीडीह, कदमा, साेनारी आदि इलाके में सड़क के ऊपर भगवा झंडों की झालर लगाने का काम शुरू हो गया था। यह काम अब भी जारी है। घर-घर में भगवा झंडे लगाए जा रहे हैं, तो चौक-चौराहों और पुल की रेलिंग पर भगवा झंडे लगाए गए हैं। इस बार 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि पड़ रही है। उस दिन घर-घर में महावीरी झंडे लगाए जाएंगे। मंदिरों-घरों में पूजा-अर्चना होगी। पूरा शहर भगवामय होने लगा है।

डिमना से आमबगान तक उत्सव यात्रा की थी तैयारी

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 13 अप्रैल को हिंदू उत्सव यात्रा ने एमजीएम स्थित डिमना मैदान से साकची स्थित आमबगान मैदान तक उत्सव यात्रा निकालने की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया। दो वर्ष पूर्व यह उत्सव यात्रा अलग-अलग हिंदूवादी संगठनों की ओर से कदमा, बर्मामाइंस व एग्रिको मैदान से निकालने की तैयारी हुई थी, लेकिन कोरोना को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इसे लेकर हिंदूवादी संगठनों ने रोष भी जताया था, लेकिन वास्तविकता को स्वीकार करते हुए उत्सव यात्रा स्थगित कर दी गई।

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