Jharkhand Wildlife : वन्य जीवों के लिए भी खतरा बना कोरोना, दलमा समेत झारखंड के सभी वन्यप्राणी आश्रयणी हाई अलर्ट पर

Wildlife sanctuary of Jharkhand on High Alert दलमा समेत झारखंड के सभी अभ्यारण्य के संरक्षकों को पत्र लिखकर हाई अलर्ट किया गया है। वन विभाग को सबसे बड़ा डर है कि अगर कोरोना इंसानों से वन्य जीवों में फैल गया तो इसका पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 08:51 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 08:51 PM (IST)
Jharkhand Wildlife : वन्य जीवों के लिए भी खतरा बना कोरोना, दलमा समेत झारखंड के सभी वन्यप्राणी आश्रयणी हाई अलर्ट पर
लोगों पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोविड संक्रमित कोई जंगल में न आ सके।

जमशेदपुर, मनोज सिंह।  अभी तक कोरोना इंसानों के लिए चुनौती बना हुआ था, लेकिन अब इसका असर जानवरों पर भी पड़ने लगा है। हैदराबाद के एक चिड़ियाघर में आठ एशियाई शेर कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने का मामला पहली बार सामने आया है। वन विभाग का सबसे बड़ा डर है कि अगर यह बीमारी इंसानों से वन्य जीवों में फैल गया तो इसका पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

इसके बाद भारत के राष्ट्रीय पुरातत्व अभयारण्यों और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में जानवरों के बीच वायरस फैलने की संभावना को देखते हुए डिप्टी इंसपेक्टर जनरल ऑफ फारेस्ट (वाइल्ड लाइफ) राकेश कुमार जगनिया ने देश के सभी राज्य व केंंद्र शासित प्रदेशों के सभी प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) को पत्र लिखकर उपरोक्त मामले पर तत्काल एहतियात बरतने के साथ ही कई दिशा निर्देश दिए हैं। पत्र मिलते ही झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) ने दलमा समेत झारखंड के सभी अभ्यारण्य के संरक्षकों को पत्र लिखकर हाई अलर्ट किया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल द्वारा जारी किए गए पत्र में दिशा निर्देश का पालन करते हुए प्रतिदिन रिपोर्ट देने को कहा गया है। दलमा में उठाए गए एहतियाती कदम

दलमा वन्यजीव आश्रयणी में एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए गए हैं। इसके तहत दलमा क्षेत्र में आने वाले 85 गांवों पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोई कोविड पीड़ित व्यक्ति जंगल में न चला जाए। वह जानवरों के संपर्क में न आ सके, इसके लिए नियमित अंतराल पर वन विभाग के कर्मचारी मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर के साथ बार्डर व रास्ते में अलर्ट पर हैं। इसके साथ ही पर्यटकों के जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। फील्ड मैनेजर, पशु चिकित्सक व फ्रंटलाइन स्टाफ को मिलाकर रैपिड एक्शन फोर्स बनाया गया है, जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

झारखंड के प्रमुख अभयारण्य  दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी, जमशेदपुर हजारीबाग नेशनल पार्क, हजारीबाग बेतला राष्ट्रीय उद्यान, पलामू पलामू अभयारण्य, पलामू महुआटांड़ वोल्फ अभयारण्य, पलामू तोपचांची अभ्यारण्य, धनबाद लावालौंग अभयारण्य, चतरा कोडरमा अभयारण्य, हजारीबाग पारसनाथ अभयारण्य, गिरिडीह पालकोट अभयारण्य, गुमला  उधवा जलपक्षी शरणस्थली, साहेबगंज गौतमबुद्ध अभयारण्य, कोडरमा

24 अप्रैल को आया जानवरों में कोविड का पहला मामला

24 अप्रैल को हैदराबाद स्थित नेहरू जूलोजिकल पार्क के क्यूरेटर व कीपर को शेरों में सूखी खांसी, नाक से पानी निकलने और भूख नहीं लगने के लक्षण दिखाई दिए। लक्षण को देखते हुए जानवरों को दवा देने को कहा गया। पशु चिकित्सक टीम को अलर्ट कर दिया गया था। इसके बाद सभी शेरों का स्वाब जांच के लिए केंद्रीय सेल्युलर और आणविक जीवविज्ञान (सीसीएमबी) हैदराबाद भेजा गया। इसके साथ ही पार्क को बंद कर दिया गया। एहतियात के ताैर पर चिडि़याघर के दो दर्जन कर्मचारियों की जांच की गई। फिलहाल विशेषज्ञ जांच पड़ताल में जुटे हैं कि जानवरों में कैसे कोविड के लक्षण आए।

ये कहते आेहदेदार

भारत के राष्ट्रीय पुरातत्व अभयारण्यों और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में जानवरों के बीच वायरस फैलने की संभावना को देखते हुए डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फारेस्ट (वाइल्ड लाइफ) राकेश कुमार जगनिया द्वारा भेजा गया पत्र मिला है। पत्र के अनुसार दलमा में एहतियातन हर कदम उठाए गए हैं। बाहरी व्यक्ति के लिए दलमा में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है, मास्क, सैनिटाइजर के साथ वनकर्मी व डाक्टरों की टीम को आवश्यक दवाओं के साथ तैनात कर दिया गया है। दलमा के अंदर बसे गांवाें में रहने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोविड संक्रमित कोई व्यक्ति जंगल में न आ सके।

- डा. अभिषेक कुमार, उप निदेशक गज परियोजना, दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी

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