कंपनी का मुनाफा 1.5 तो कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा

टाटा स्टील में पिछले ग्रेड रिवीजन के बाद से कंपनी का मुनाफा अगर 1.5 प्रतिश

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 09:01 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:34 AM (IST)
कंपनी का मुनाफा 1.5 तो कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा
कंपनी का मुनाफा 1.5 तो कर्मचारियों का वेतन 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा

जासं, जमशेदपुर : टाटा स्टील में पिछले ग्रेड रिवीजन के बाद से कंपनी का मुनाफा अगर 1.5 प्रतिशत बढ़ा है तो कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत से ज्यादा इजाफा हो चुका है। ऐसे में दोनो मदों में संतुलन को देखना और उसके आधार पर ग्रेड रिवीजन करना जरूरी है। यह कंपनी और कर्मचारी, दोनो के भविष्य के लिए बेहतर होगा।

टाटा स्टील में सोमवार दोपहर कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच लगभग एक घंटे ग्रेड रिवीजन पर बैठक हुई। इसमें कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों ने विभिन्न मदों का उदाहरण देकर यूनियन नेतृत्व को यह तर्क दिया। अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2012 में हुए ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद कर्मचारियों के वार्षिक इंक्रीमेंट, री-ऑर्गेनाइजेशन बेनीफिट, महंगाई भत्ता सहित विभिन्न मदों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है इसलिए नए ग्रेड रिवीजन में हमें इसका भी ख्याल रखना चाहिए। बैठक में प्रबंधन से चीफ एचआरएम (स्टील) संदीप धीर, ग्रुप चीफ आइआर जुबिन पालिया के अलावे यूनियन से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और महासचिव सतीश कुमार सिंह उपस्थित थे।

लीव बैंक पर हुआ मंथन : टाटा स्टील में जल्द ही लीव बैंक प्रभावी होने वाला है। जबकि टाटा मोटर्स, पुणे प्लांट में पिछले कई वर्षो से यह व्यवस्था प्रभावी है। ऐसे में कंपनी प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व ने बैठक के दौरान इस बैंक के नफा-नुकसान सहित पुणे प्लांट से लीव बैंक का प्रारूप भी मंगवाया है। बैठक में लीव बैंक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

कर्जदार हो गए हैं एनएस ग्रेड कर्मचारी, कराएं बेहतर ग्रेड : टाटा स्टील, न्यू सीरीज (एनएस) ग्रेड में कार्यरत अधिकतर कर्मचारी बैंक या सोसाइटी में कर्जदार हो चुके हैं। एनएस ग्रेड कर्मचारियों की मांग है कि अबकी बार उनका ग्रेड रिवीजन पिछली बार से बेहतर हो।

एनएस ग्रेड के 35 कमेटी मेंबर सोमवार शाम ग्रेड रिवीजन पर कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच चल रही वार्ता की अद्यतन जानकारी लेने यूनियन कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान यूनियन के शीर्ष नेताओं से बातचीत में कमेटी मेंबरों ने ये बातें कहीं। कमेटी मेंबरों का कहना है कि जिस तेजी से महंगाई, बच्चों की फीस और स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हुई है उसके अनुरूप एनएस ग्रेड कर्मचारियों का जीवन स्तर काफी निम्न है। ऐसे में उन्हें बैंक या सोसाइटी से कर्ज लेना पड़ता है। एनएस ग्रेड के अधिकतर कर्मचारी कर्जदार हो चुके हैं। कमेटी मेंबरों ने बताया कि पहले छह वर्ष का ग्रेड रिवीजन समझौता उसके बाद 16 माह की देरी के कारण कर्मचारियों में गुस्सा है। इसलिए 2012 की अपेक्षा इस बार उनका ग्रेड बेहतर हो। इस मौके पर यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, महासचिव सतीश कुमार सिंह के अलावे उपाध्यक्ष शत्रुघ्न राय, सहायक सचिव धर्मेद्र कुमार उपाध्याय सहित स्टील वेज के भी कुछ कमेटी मेंबर उपस्थित थे।

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