जंगल में आग लगाने पर समिति करेगी दंडित, वनों के सरंक्षण के लिए आगे आए ग्रामीण Jamshedpur News

जंगल में आग लगाने की जानकारी मिलने पर संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहले जहां नियम के उल्लघंन पर दंड निर्धारित नहीं था वहां अब दोषियों को दंडित करने का निर्णय लिया गया।यह निर्णय वन पालन प्रबंधन समिति के सदस्य व ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से लिया।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:14 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 01:00 PM (IST)
जंगल में आग लगाने पर समिति करेगी दंडित, वनों के सरंक्षण के लिए आगे आए ग्रामीण Jamshedpur News
वनों की रक्षा का संकल्‍प लेते पूर्वी सिंहभूम के चांडिल इलाके के ग्रामीण। जागरण

जमशेदपुर, जासं। वनों की रक्षा करने के लिए अब वन रक्षा समिति और जंगल बचाओ आंदोलन संयुक्त रूप से लोगों को जागरूक कर रहा है। इस दौरान ग्रामीणों के सामथ मिलकर कई निर्णय भी लिए जा रहे हैं। इसमें कुछ कठोर तो कुछ ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखकर निर्णय लिए जा रहे हैं। झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन, रांची के प्रभारी बृहस्पति सिंह सरदार ने चांडिल प्रखंड के टुईटुंगरी गांव में ग्रामीणों के याथ बैठक की और वनों को संरक्षित करने के लिए उन्हें एकजुट किया।

 पिछले कुछ दशकों से ग्रामीणों में वन संरक्षण के प्रति जबरदस्त परिवर्तन आया है। अब सरकार भी अनुभव कर रही है कि वनों के संरक्षण और रखरखाव में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी के बिना वनों की गिरावट को रोकना असंभव है। वनों की गिरावट की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा समय- समय पर नियम बनाए जाते रहे हैं। इन नियमों का उद्देश्य मौजूदा वनों को संरक्षित और समृद्ध बनाने साथ ही ज्यादा से ज्यादा अपक्षरित क्षेत्रों को वृक्ष आच्छादन के तहत में लाना है। स्थानीय लोगों का इन वनों में जो अल्प अधिकार था वह इनकी वन उपज की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त है। इसके लिए गांव की वन पालन समिति द्वारा नियम बनाया गया। सभा अध्यक्ष खिरोद सोरेन द्वारा ग्रामीणों को इसके फायदे बताए गए।

बैठक में लिए गए ये निर्णय

इस दौरान निर्णय लिया गया कि अब जंगल में आग लगाने की जानकारी मिलने पर संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहले जहां नियम के उल्लघंन पर दंड निर्धारित नहीं था, वहां अब दोषियों को दंडित करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय वन पालन प्रबंधन समिति के सदस्य व ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से लिया। ग्रामसभा के सभी सदस्यों ने भी जंगल रक्षा में अपना दायित्व निभाने का निर्णय लिया। बैठक में जयधर उरांव, गीता हांसदा, आसा टुडू, दिनेश उरांव, छोटूलाल टुडू, गंगा मुंडा, लखीश्वर उरांव समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।

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