Swachh Survekshan 2021 : नारियल के खाली डाब में उग रहे रंग- बिरंगे फूल व सजावटी पौधे

Swachh Survekshan 2021. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जुगसलाई नगर परिषद को साफ-सुथरा रखने व चौक-चौराहों को सुंदर बनाने के लिए जुगसलाई नगर परिषद की स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी लगातार कुछ न कुछ नया कर रही हैं। ये रही ताजा पहल।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:33 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:33 PM (IST)
Swachh Survekshan 2021 : नारियल के खाली डाब में उग रहे रंग- बिरंगे फूल व सजावटी पौधे
समिति की महिलाएं घर को फूल पौधों से सजाती हैं।

जमशेदपुर, जासं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जुगसलाई नगर परिषद को साफ-सुथरा रखने व चौक-चौराहों को सुंदर बनाने के लिए जुगसलाई नगर परिषद की स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी लगातार कुछ न कुछ नया कर रही हैं। कार्यपालक पदाधिकारी जेपी यादव के दिशा- निर्देश पर सोनी कुमारी आम जनता के बीच बेकार पड़े वस्तुओं का उपयोग सजावट के लिए करने के लिए आम जनता के बीच सकारात्मक सोच पैदा कर रही हैं।

इसी का परिणाम है कि  जुगसलाई नगर परिषद् के स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं ने कचरा प्रबंधन को अलग स्तर पर ले जाने को मुहिम छेड़ रखी है। इसमें समिति की महिलाएं घर को फूल पौधों से सजाती हैं। फूलों के गमला सभी को अच्छा लगता है और मौसम आते ही सभी फूल और गमले खरीदने लगते हैं। सोनी कुमारी ने बताया कि आमतौर पर गमले प्लास्टिक या मिट्टी का होता है जो कुछ दिन में टूट जाते है और प्रदूषण फैलाते हैं। इस समस्या से निबटने के लिए महिलाओं ने नारियल के खाली डाब में सुंदर प्लांटिंग पॉट तैयार कर रही हैं। जिसका वह उपयोग करने के बाद बिक्री भी कर रही हैं।

इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा

जुगसलाई के कार्यपालक पदाधिकारी जेपी यादव ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान जोकि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, ने लोगों को साफ सफाई को लेकर काफी सकारात्मक सोच पैदा की है। इसी कड़ी में जुगसलाई नगर परिषद् के स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं ने कचरा प्रबंधन को अलग स्तर पर ले जाने को मुहिम छेड़ दी है। घर में सजाने के लिए सभी फूल और गमले खरीदते हैं। आमतौर पर ये गमले प्लास्टिक के होता है जो  कुछ दिन में टूट जाते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए महिलाओं ने खाली बचे दाब से सुंदर प्लांटिंग पॉट तैयार कर रही हैं और बेच भी रही है। जेपी यादव ने बताया कि इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा साथ ही लोग प्लास्टिक के सामानों का उपयोग कम से कम करेंगे।

छोटे पौधे के लिए उपयुक्त

खाली नारियल डाब पर पौधा तैयार करनेवाली आरती कहती हैं कि नारियल डाब में प्लांट होल्डर के तौर पर नेचुरल तरीके से काम करता है और छोटे पौधे के लिए उपयुक्त है। आरती ने बताया कि मैंने अपने गार्डन में भी लगाया है और कुछ दिन बाद यह सुख कर स्वत नष्ट हो जाता है और कचरा भी नहीं फैलता है । स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी ने बताया कि जुगसलाई में एक नारियल दुकानदार प्रतिदिन 15 -20 खाली डाब देते हैं। इसके अलावा जुगसलाई में तीन दुकानें है जहां से पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी खाली डाब का कलेक्शन होता है। जहां से महिलाएं डाब ले जाकर उस पर एक से बढ़कर एक नक्कासी के साथ पौधा लगाती हैं। कार्यक्रम में सहयोग करने वालों में कार्यपालक पदाधिकारी जेपी यादव, नगर प्रबंधक राजेंद्र कुमार, नगर मिशन प्रबंधक गलेनिश मिंज, जेई संजय कुमार, जलालुद्दीन अंसारी, स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी, सफाई पर्यवेक्षक अजय कुमार, सहेंद्र कुमार, हसीन खान, मंजीत कुमार, नवीन कुमार तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रीति, आरती, प्रियंका इस कार्य को सफल बनाने में लगी हुई हैं।

chat bot
आपका साथी