Health Alert: जमशेदपुर शहर में बढ़ी ठंड, बच्चे व बुजुर्गों को बीमार होने से बचाएं
बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है। लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। हालांकि इस दौरान सबसे अधिक बच्चे व बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शुरुआती ठंड इन्हें अधिक परेशान करती है। कई बार जानलेवा भी हो जाता है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में हुई बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है। लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। हालांकि, इस दौरान सबसे अधिक बच्चे व बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शुरुआती ठंड इन्हें अधिक परेशान करती है। कई बार जानलेवा भी हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, 20 व 21 नवंबर को जोरदार बारिश हो सकती है। वहीं, इससे पूर्व 16 से 19 नवंबर तक मौसम शुष्क रहेगा।
यानी अगले एक सप्ताह तक मौसम के मिजाज में बदलते नजर आएगा। वहीं, इस दौरान न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। एेसे में इस दौरान सेहत को लेकर अधिक सतर्क होने की जरूरत है। किसी भी तरह की लापरवाही महंगा पड़ सकती है। सोमवार को शहर का न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री व अधिकतम तापमान 22.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई।
इम्युनिटी कमजोर होने से बढ़ती बीमारी
कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम के शिशु रोग विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इन दिनों सबसे अधिक सर्दी, जुकाम और बुखार की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है। जिसके कारण वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। बुजुर्गों के साथ भी यही स्थिति है। सर्दी-जुकाम के बच्चों में अलग-अलग लक्षण दिखते हैं। इस दौरान बच्चे की बीमारी का कारण जानना जरूरी होता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कई लोग बिना सोचे-समझे बच्चे को दवा देने शुरू कर देते हैं। जबकि एेसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। संक्रमण का बिना कारण जाने बच्चे को दी जाने वाली दवा उसकी हालत को खराब कर सकती है।
बच्चों को पौष्टिक आहार दें
मौसम के बदलते मिजाज के बीच होने वाला संक्रमण बच्चों की इम्युनिटी कमजोर करता है। एेसे में बच्चों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। बच्चों को बाहरी खाना न देकर बल्कि घर के ही खाना दें। बच्चों को खाने में दूध, फल और दाल का पानी देना बहुत जरूरी होता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और उन्हें बीमारियां होने का खतरा कम होता है।
बच्चों का टीकाकरण भी जरूरी
बच्चों को दिए जाने वाले टीका नियमित समय पर लगवाएं। ये कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। कई अभिभावक टीकाकरण का समय एक या दो माह निकल जाने से उसे छोड़ देते हैं। जबकि एेसा नहीं करना चाहिए। दो माह के बाद भी उस छूट्टे हुए टीके को शामिल किया जा सकता है। इसके लिए किसी शिशु रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर उस टीका को लिया जा सकता है। बच्चों को तय समय पर सभी टीके लग जाएं तो उन्हें 80 से 90 प्रतिशत संक्रमित बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
अगले सात दिन का संभावित तापमान
तिथि : न्यूनतम : अधिकतम
16 नवंबर : 19.0 : 27.0
17 नवंबर : 18.0 : 28.0
18 नवंबर : 18.0 : 28.0
19 नवंबर : 19.0 : 26.0
20 नवंबर : 20.0 : 28.0
21 नवंबर : 21.0 : 28.0
ठंड बढ़ गई है। एेसे में बच्चे व बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अस्पताल में सर्दी, जुकाम व बुखार के मरीज अधिक आ रहे हैं। ये बदलते मौसम का असर है। एेसे में सावधानी जरूरी है। अपने मन से किसी को दवा नहीं दें।
- डॉ. केके चौधरी, शिशु रोग विशेषज्ञ, एमजीएम।