एलीफैंट कॉरीडोर को मिली पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग-33 (एनएच-33) पर दलमा अभ्यारण्य के पास हा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग-33 (एनएच-33) पर दलमा अभ्यारण्य के पास हाथियों के विचरण को सुरक्षित बनाने के लिए प्रस्तावित एलीफैंट कॉरीडोर (अंडर पास-वे) के निर्माण को एनओसी मिल गई है। अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दी है। एनओसी की प्रक्रिया तकरीबन एक साल से चल रही थी। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के आदेश के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने दिल्ली तक दौड़-धूप कर एनओसी हासिल की है।
रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर दलमा अभ्यारण्य के पास पांच एलीफैंट कॉरीडोर बनाए जाने हैं। ये कॉरीडोर चांडिल से पारडीह कालीमंदिर के बीच में पांच जगहों पर बनने हैं। ये अंडर पास वे आसनबनी में म¨हद्रा शोरूम के पास, पारडीह काली मंदिर के पास, चांडिल चौाराहे के पास, दलमा अभ्यारण्य के पास और पारडीह कालीमंदिर व दलमा अभ्यारण्य के बीच में बनाए जाने हैं। इन एलीफैंट कॉरीडोर बनाने का निर्देश वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ ने एनएचएआइ को दिया था। एलीफैंट कॉरीडोर बनाने का मकसद ये है कि इन क्षेत्रों में विचरण करने वाले हाथी आसानी से निकल जाएं। वन विभाग ने ही बताया था कि ये अंडर पास वे कहां बनाए जाने थे। इन अंडर पास वे को बनाने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को एनओसी के लिए आवेदन दिया गया था। एनओसी नहीं मिल पाने की वजह से आगे की प्रक्रिया लंबित थी। इस पर मुख्य सचिव सुधीर कुमार त्रिपाठी ने एनएचएआइ को एनओसी हासिल कर जल्द टेंडर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एनएचएआइ ने टेंडर करने की कवायद शुरू कर दी थी। उधर, एनओसी के लिए भी पैरवी तेज कर दी गई थी। अब एनएचएआइ को एलीफैंट कॉरीडोर के लिए एनओसी मिल गई है।
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एक साथ टेंडर निकालने का फैसला
एनएचएआइ के रांची स्थित कार्यालय के अनुसार एलीफैंट कॉरीडोर के निर्माण को वन एवं पर्यावरण विभाग की एनओसी मिलने के बाद अब इसका टेंडर भी एनएच-33 के निर्माण के टेंडर के साथ ही निकाला जाएगा। पहले एलीफैंट कॉरीडोर का टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन, इसी बीच एनएचएआइ हेडक्वार्टर द्वारा एनएच-33 का नए सिरे से टेंडर निकालने का आदेश आने के बाद अब एलीफैंट कॉरीडोर का भी टेंडर इसी के साथ निकालने का फैसला हुआ है।