जमशेदपुर को क्लाइमेट स्मार्ट सिटी बनाने का रास्ता साफ, राज्य से पारित हुआ मसौदा

देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उस पर निजात पाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 वें वित्त आयोग के तहत जमशेदपुर का चयन किया था। पांच वर्षीय योजना के तहत शहर से प्रदूषण को दूर करना है। इससे संबंधित प्रस्ताव को राज्य सरकार ने पारित कर दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:38 PM (IST)
जमशेदपुर को क्लाइमेट स्मार्ट सिटी बनाने का रास्ता साफ, राज्य से पारित हुआ मसौदा
जमशेदपुर के तीनों नगर निकाय को इस योजना में शामिल किया गया है।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के जमशेदपुर को क्लाइमेट स्मार्ट सिटी बनाने का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड सरकार ने जमशेदपुर को क्लाइमेट स्मार्ट सिटी बनाने संबंधी मसौदा को पारित कर दिया है। जानकारी हो कि देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और उस पर निजात पाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 वें वित्त आयोग के तहत प्रदूषण को रोकने के लिए जमशेदपुर का चयन किया था। पांच वर्षीय योजना के तहत शहर से प्रदूषण को दूर करना है।

जमशेदपुर अर्बन एग्लोमरेशन के तहत जमशेदपुर के तीनों नगर निकाय को इस योजना में शामिल किया गया है। जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि जमशेदपुर के सड़कों पर सबसे पहले दो सीएनजी बस तथा 200 ई रिक्शा चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में दो सीएनजी बस चलाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई योजनाएं हैं जिसके लागू होने के बाद शहर की पर्यावरण बेहतर हो सकेगा।

सीएनजी बस चलाने से फायदे

जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार कहते हैं कि सीएनजी बस चलाने से कई तरह के फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा है इसका सस्ता होना। गैस से चलने वाले वाहनों का माइलेज डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से अधिक होता है। इससे निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होता। गैस से चलने वाहन से आवाज नहीं निकलती, इससे किसी भी शहर में ध्वनि प्रदूषण नहीं होता।

ई-रिक्शा क्या होता है

जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में 200 ई-रिक्शा शहर के सड़कों पर दौड़ेगी। ई-रिक्शा से लोगों को रोजगार भी मिलेगा और इसके कई फायदे हैं। ई-रिक्शा बैट्री से चलती है, जिसके कारण वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण नहीं के बराबर होता है। इसके इस्तेमाल पर सरकार भी इसी कारण जोर दे रही है। मकसद प्रदूषण के स्तर को कम करना है।

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