CII Jharkhand online conclave: डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट समय की मांग, बोले चेयरमैन चाणक्य चौधरी

CII Jharkhand conclave टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट सर्विसेज) सह सीआइआइ झारखंड चैप्टर के चेयरमैन चाणक्य चौधरी ने कहा कि काेविड महामारी के समय सभी कंपनियों को डिजिटलाइजेशन पर फोकस करने की जरूरत है। यह वक्त का तकाजा है। इसे अपनाना ही होगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 04:48 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 08:41 PM (IST)
CII Jharkhand online conclave: डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट समय की मांग, बोले चेयरमैन चाणक्य चौधरी
औद्योगिक विकास में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इंजन का काम करता है।

जमशेदपुर, जासं। भारत के औद्योगिक विकास में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इंजन का काम करता है जो वैश्विक महामारी कोविड 19 के समय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान समय में डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर समय की मांग की जो बेहतर गुणवत्ता के साथ उपात्दन और उत्पादकता को बेहतर बनाता है।

कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) झारखंड चैप्टर की ओर से गुरुवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ऑटोमेशन विषय पर चौथे संस्करण का ऑनलाइन कान्क्लेव का आयोजन हुआ। इसे संबोधित करते हुए टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट सर्विसेज) सह सीआइआइ झारखंड चैप्टर के चेयरमैन चाणक्य चौधरी ने ये बातें कहीं। बकौल चाणक्य, काेविड महामारी के समय सभी कंपनियों को डिजिटलाइजेशन पर फोकस करने की जरूरत है ताकि कंपनियां स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के फायदों का लाभ उठा सकें। रोबोट और कंप्यूटर न्यूमेरिकली कंट्रोल्ड (सीएनसी) सिस्टम के उपयोग के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का आसानी से संचालन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बदलते परिवेश के साथ भारतीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी प्रतिस्पर्धा में बने रहने और नेतृत्व की भूमिका में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए नई-नई तकनीक को अपनाना और खुद को उसके लिए अनुकूल बनने की जरूरत है।

टाटा कमिंस के प्लांट मैनेजर मनीष के झा

इस मौके पर टाटा कमिंस के प्लांट मैनेजर मनीष के झा ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई माह में कोविड 19 महामारी का प्रकोप चरम पर होगा। देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्ण व आंशिक लॉकडाउन का समय बाजार पर पड़ रहा है। वैक्सीन व आक्सीजन की कमी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था 85 प्रतिशत क्षमता पर ही काम कर रही है। वहीं, टाटा कमिंस के वरिष्ठ महाप्रबंधक राम फाल नेहरा सहित अन्य ने भी कान्क्लेव को संबोधित किया।

उद्योग को सरकार से अधिक समर्थन की जरूरत : तापस

कान्क्लेव में सीआइआइ जमशेदपुर जोनल काउंसिल के चेयरमैन सह हाइको इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी तापस साहू ने भी संबोधित किया। कहा कि उद्योग को बेहतर कारोबारी माहौल के लिए सरकार से अधिक समर्थन की आवश्यकता है ताकि उद्यमी अपने व्यवसाय को व्यवस्थित कर देश के विकास में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा सके। टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल कर भारतीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट न सिर्फ अंतराष्ट्रीय गुणवत्ता के बेंचमार्क में खुद को साबित कर सकती है बल्कि वैश्विक बाजार के लिए सक्षम आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत भी बना सकती है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में डिजिटलाइजेशन न सिर्फ कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी करेगा बल्कि रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा करेंगे।

एमएसएमई सेक्टर को मदद की जरूरत

कान्क्लेव में सीआइआइ जमशेदपुर जोनल काउंसिल को वाइस चेयरमैन सह एम्डेट कंपनी के एमडी रणजोत सिंह का कहना है कि सूक्ष्य, लघु व मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जो देश के आर्थिक व सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन कोविड 19 महामारी का एमएसएमई सेक्टर पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। कई उद्योग पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। ऐसे में पूरे सेक्टर को सरकार से समर्थन की जरूरत है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के मध्य में है भारत : विशाल बादशाह

कार्यक्रम में सीआइआइ झारखंड मैन्युफैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग पैनल के संयोजक सह टाटा मोटर्स के प्लांट हेड विशाल बादशाह ने कहा कि दुनिया भर के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारत भी चौथी औद्योगिक क्रांति के मध्य में है। जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी), एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, फैक्ट्रीज ऑफ द फ्यूचर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कई नई तकनीक के माध्यम से तकनीक का इस्तेमाल कर उद्योग किए जा रहे हैं। वैश्विक प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को स्मार्ट स्टेप के साथ ऑटोमेशन को अपनाने की रणनीति तैयार करना होगा।

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