जिलिंगगोड़ा के लिए अनोखी खबर नहीं चंपई का मंत्री बनना

मंगलवार की शाम करीब चार बजे राजधानी रांची में झारखंड सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार हो रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 02:16 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 06:13 AM (IST)
जिलिंगगोड़ा के लिए अनोखी खबर नहीं चंपई का मंत्री बनना
जिलिंगगोड़ा के लिए अनोखी खबर नहीं चंपई का मंत्री बनना

दिलीप कुमार, जमशेदपुर : मंगलवार की शाम करीब चार बजे राजधानी रांची में झारखंड सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार हो रहा था। मंत्रीमंडल में झामुमो के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह सरायकेला विधानसभा के विधायक चंपई सोरेन भी मंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे। ठीक उसी समय सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में लोगों की गतिविधि अन्य दिनों की तरह ही सामान्य थी। जिलिंगगोड़ा, राज्य में तीसरी बार मंत्री बनने वाले चंपई सोरेन का पैतृक गांव। यहां के लोगों के लिए उनके मंत्री बनने की खबर कोई अनोखी खबर नहीं है। सभी को पता है कि गांव का बेटा चंपई सोरेन राज्य में मंत्री बन रहा है। लेकिन लोगों की दिनचर्या सामान्य दिनों की तरह ही थी, लोग अपने दैनिक कार्यो में व्यस्त थे।

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घर में पसरा था सन्नाटा

जिलिंगगोड़ा गांव में मंत्री चंपई सोरेन के घर में सन्नाटा पसरा था। घर के सभी सदस्य शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने रांची गए थे। इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए उनके घर में विद्युत सज्जा की गई थी। घर के सामने सड़क किनारे तीन महिलाएं आपस में बात कर रहीं थीं। महिलाओं ने बताया कि गांव के चंपई सोरेन आज मंत्री बन रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि मंत्री बनने के बाद उनके गांव पहुंचने पर जश्न मनाया जाएगा। जब वे गांव आएंगे तो लोग मंत्री बनने की खुशी मनाएंगे। जिलिंगगोड़ा के अधिकतर लोग कल-कारखानों में काम करते हैं, बाकि खेती-किसानी और मजदूरी करते हैं।

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दादू बनेंगे मंत्री, सभी गए रांची

जिलिंगगोड़ा में मंत्री चंपई सोरेन के घर से तीन छोटे-छोटे बच्चे बाहर निकले। बच्चों ने बताया कि दादू मंत्री बनेंगे, इसलिए घर के सभी लोग रांची गए हैं। इनमें मंत्री चंपई सोरेन के पोती रोशनी व बाहामली और नतनी मरियम थे। बच्चे भी अपने दादू के मंत्री बनने को लेकर काफी उत्साहित थे। फोन पर दादू से बात भी की।

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ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में है मजबूत पकड़

झामुमो के कद्दावर नेता चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा सीट पर पांच बार विधायक रहे हैं। हर बार वे बहुत कम अंतर से ही सही, जीतते रहे हैं। जाहिर सी बात है कि चंपई को शहरी मतदाताओं का भी वोट मिलता है। इसके पीछे चंपई की अपनी छवि है। संघर्षशील व जुझारू प्रवृत्ति की वजह से उन्हें झारखंड टाइगर भी कहा जाता है। चंपई को स्थानीय आदिवासियों-मूलवासियों के अलावा शहरी मतदाता भी इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि इन्होंने भी कभी आम लोगों को तंग नहीं किया।

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मंत्री चंपई सोरेन अपने गांव के ही नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीणें के सुख दुख के सहभागी बनते रहे हैं। किसी भी प्रकार की फरियाद लेकर उनके घर पहुंचने वालों का वे हर संभव मदद करते हैं।

- छुटु दास, ग्रामीण

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गांव के सामूहिक आयोजन और कार्यो में मंत्री चंपई सोरेन और उनके परिवार का सराहनीय सहयोग रहता है। ग्रामीणों के दुख की घड़ी में वे मदद के लिए खड़े रहते हैं।

- वनवासी मुर्मू, ग्रामीण

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जिलिंगगोड़ा गांव के आहार टोला में होने वाली सरस्वती पूजा में मंत्री चंपई सोरेन के परिवार से ही प्रतिमा दी जाती रही है। अनुष्ठान के आयोजन में उनका सहयोग रहता है।

- राहुल पात्रो, विद्यार्थी

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गांव में माझी, भूमिज, तांती, लोहार, वैष्णव आदि जाति के लोग रहते हैं। मंत्री चंपई सोरेन सभी ग्रामीणों का समान रूप से सम्मान करते हैं और मदद करते हैं।

- सुमित्रा हेम्ब्रम, ग्रामीण

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गांव में सरहुल और सोहराय का आयोजन धूमधाम से होता है। दोनों त्योहार में मंत्री चंपई सोरेन ग्रामीणों के साथ मौजूद रहते हैं।

- गुलाबी मुर्मू, ग्रामीण

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