Business News : कंपनी मालिकों को केंद्र सरकार ने दी राहत, एक करोड़ रुपये बकाए पर ही कंपनियों पर हो पाएंगे केस

Business News. केंद्र सरकार ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड में संशोधन देते हुए देश भर में संचालित कंपनी मालिकों को राहत दी है। नए संशोधन के तहत अब एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि बकाया होने पर ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में केस दाखिल कर सकेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 01:10 PM (IST)
Business News : कंपनी मालिकों को केंद्र सरकार ने दी राहत, एक करोड़ रुपये बकाए पर ही कंपनियों पर हो पाएंगे केस
इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड की विशेषज्ञ मंजरी सिन्हा जानकारी देतीं ।

जमशेदपुर, जासं। केंद्र सरकार ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड में संशोधन देते हुए देश भर में संचालित कंपनी मालिकों को राहत दी है। नए संशोधन के तहत अब एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि बकाया होने पर ही कोई बकाएदार कंपनी मालिक पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में केस दाखिल कर सकेंगे। जबकि पहले यह राशि एक लाख रुपये थी।

द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेकेट्री ऑफ इंडिया, जमशेदपुर चैप्टर की ओर से साकची के ठाकुर बाड़ी रोड स्थित लक्ष्मी मंदिर सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड की विशेषज्ञ मंजरी सिन्हा ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए नए संशोधन की जानकारी देते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि बकाएदारों की संख्या एक या एक से अधिक भी हो सकती है लेकिन बकाए की राशि न्यूनतम एक करोड़ रुपये होना अनिवार्य है।

ये भी हुए हैं बदलाव

वहीं, उन्होंने बताया कि पहले कंपनी पर होने वाले वित्तीय मामलों के निष्पादन के लिए 180 दिन निर्धारित किए गए थे। केंद्र सरकार ने इसमें भी संशोधन कर इसकी अवधि को बढ़ाकर 330 दिन कर दिया है। उन्होंने बताया कि कंपनी के खिलाफ वित्तीय मामला दर्ज होने पर पहले कोर्ट की ओर से परिसमापक प्रतिनियुक्त किए जाते थे। जिसका उद्देश्य कंपनी की परिसंपत्ति को बेचकर बकाएदारों को उनका पैसा चुकाना होता था। लेकिन नए संशोधन के तहत अब परिसमापक के स्थान पर इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल रिजॉल्यूशन प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। जो स्थानीय होगा और उसके नेतृत्व में ही कंपनी को पुर्नजीवित करने का काम किया जाएगा। सेमिनार की अध्यक्षता जमशेदपुर शाखा के चेयरमैन संतोष कुमार ने की।

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