Citizenship amendment bill: जमशेदपुर के रिफ्यूजी कॉलोनी में जश्न, जले खुशियों के दीप Jamshedpur News

Citizenship amendment bill. नागरिकता संशोधन बिल के राज्यसभा में पास होने पर गोलमुरी रिफ्यूजी कालोनी में खुशी का माहौल है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 02:51 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 02:51 PM (IST)
Citizenship amendment bill: जमशेदपुर के रिफ्यूजी कॉलोनी में जश्न, जले खुशियों के दीप Jamshedpur News
Citizenship amendment bill: जमशेदपुर के रिफ्यूजी कॉलोनी में जश्न, जले खुशियों के दीप Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Citizenship amendment bill नागरिकता संशोधन बिल के राज्यसभा में पास होने पर गोलमुरी रिफ्यूजी कालोनी में खुशी का माहौल है। भारत विभाजन का दर्द आज तक उनके चेहरे पर दिखता है। अपनों से बिछडऩे का गम कोई उनसे पूछे। 72 साल बाद भी उन्हें रिफ्यूजी कहा जाता है। इसका दर्द हमेशा उनको कचोटता था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।  

राज्यसभा में जैसे ही नागरिकता संशोधन विधेयक पास हुआ, रिफ्यूजी कॉलोनी का हर घर रोशन हो गया। यह खुशियों का दीप था, जो अपने घर के बाहर जलाकर वे यह बता रहे थे कि अब पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में रह रहे गैर मुस्लिम आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर सकते हैैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब पूरी तरह से भारतीय हो गए हैं। बिल पास होने से गïर्व महसूस कर रहे हैं। इस खुशी में गुरुवार की सुबह 11 बजे रिफ्यूजी कालोनी स्थित कृष्णा मंदिर से रिफ्यूजी कालोनी गुरुद्वारा तक ढोल नगाड़ा बजाते हुए रिफ्यूजी कालोनी वासी गुरु घर में अरदास क‍िया। 

ये कहते कॉलोनीवासी

कई मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों की जिंदगी गुजार रहे गैर मुस्लिमों को प्रताडि़त करने की घटना सामने आती रहती थी। इस बिल के पास होने से वे जब चाहे भारत आकर यहां की नागरिकता ले सकते हैैं।

- बलविंदर सिंह, रिफ्यूजी कॉलोनी वासी 

रिफ्यूजी की जिंदगी बिताते हुए हमलोगों की तीन पीढ़ी गुजर गई। अब जाकर हमलोग भारत के नागरिक बन पाए हैं। 

 संतोष सिंह, रिफ्यूजी कालोनी वासी

भारत के बंटवारे के बाद हमारी पूर्वज आकर जमशेदपुर में बस गए थे। यहां हमें रिफ्यूजी कहा जाता था। लेकिन अपने दिल में पत्थर रखकर भगवान के सामने अरदास करते थे आज वह दिन आ गया जब हम भारतीय हो गए।

 विजय कुमार, रिफ्यूजी कॉलोनी वासी

किसी को यह बताने में भी हमें कष्ट होता था कि हम रिफ्यूजी कॉलोनी में रहते हैं। ऐसे में तुरंत लोग यह समझ लेते थे कि हम लोग पाकिस्तान से भाग कर लौहनगरी आए हैं।

- करणदीप सिंह, रिफ्यूजी कालोनी वासी

ि‍हदुस्तान-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त हालात कुछ ऐसे बन गए थे कि न चाहते हुए भी अपनी जमीन जायदाद धन-दौलत सब छोड़कर भारत आना पड़ा। अब अधिकार मिला है।

- सरबजीत सिंह, रिफ्यूजी कॉलोनी वासी

हजारों की संख्या में पाकिस्तान से भारत आने के बाद उन्हें रहने खाने की परेशानी होने लगी थी, जिसके बाद सरकार ने उन्हें रहने के लिए छत दी। अब सरकार ने नागरिक माना है।

- जगजीत सिंह, रिफ्यूजी कालोनी वासी

रिफ्यूजी का दाग सीधे दिल में दर्द देता था, लेकिन हम कर भी क्या सकते थे। पाकिस्तान से भारत आने के बाद इसी देश ने हमें सहारा दिया। लेकिन अब यहां की नागरिकता मिली जिसकी हमें खुशी।

- साहेब सिंह 

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