cattle census in Eastsinghbhum: गलियों में घूम रहे कुत्ते, गणना में बता दिया एक भी कुत्ता नहीं
पशुपालन विभाग ने हाल ही में पशुओं की गणना की है जिसमें काफी चौंकने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस गणना में बताया गया है कि पूर्वी सिंहभूम के पटमदा प्रखंड में एक भी कुत्ता नहीं है। जबकि हकीकत है कि यहां गलियों में आराम से कुत्ते घूमते मिल जाएंगे।
मनोज सिंह, जमशेदपुर। पशुपालन विभाग ने हाल ही में पशुओं की गणना की है जिसमें काफी चौंकने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस गणना में बताया गया है कि पूर्वी सिंहभूम के पटमदा प्रखंड में एक भी कुत्ता नहीं है। बोड़ाम प्रखंड में ही सिर्फ कुत्ते होने की बात कही गई है। जबकि हकीकत है कि यहां गलियों में आराम से कुत्ते घूमते मिल जाएंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी सिंहभूम से गधा गायब हो गया है।
पशु गणना में जिले में भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, कुत्ता, मुर्गी, बत्तख की गणना की गई थी। जहां तक पटमदा प्रखंड में एक भी कुत्ते नहीं होने की बात बताई गई है यह पूरी तरह सच्चाई से दूर है। आज यानि मंगलवार को पटमदा में जब कुत्ते की जांच कराई गई तो दर्जनों कुत्ते इधर-उधर नजर आ रहे थे। हालांकि कुत्ते की संख्या कम होने के संबंध में प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी का कहना है कि आंकड़ा कंप्यूटर में फिट करने के समय गलत आ गया होगा। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसा कोई इलाका नहीं होगा जहां कुत्ता न हो। पशु गणना में पालतू व स्ट्रीट दोनों कुत्ते की गणना करनी है।
प्रखंडवार कुत्ते की संख्या
प्रखंड कुत्ते की संख्या
बहरागोड़ा - 614
बोड़ाम - 04
चाकुलिया - 683
धालभूमगढ़ - 861
डुमरिया - 288
घाटिशला - 268
गोलमुरी सह जुगसलाई - 2223
गुड़ाबांधा - 54
मुसाबनी - 254
पटमदा - 000
पोटका - 458
गधे के गायब होने के लिए आधुनिक जीवनशैली जिम्मेदार
गधे के गायब होने के संबंध में पशुपालन विभाग कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताता है, लेकिन गधे का पालन करने वाले रजक समाज (धोबी) के श्रमण रजक का कहना है कि पहले वाहन जैसे आधुुनिक संसाधन उपलब्ध नहीं थे। जिसके कारण कपड़ा को धाेने के लिए नदी तालाब लाने-ले जाने के लिए गधे का उपयोग किया जाता था। अब धीरे-धीरे समाज के लोग कपड़ा धाेने का काम करने से परहेज करने लगे हैं। यदि जो लोग कपड़ा धोने का काम करते हैं वह वाहन का प्रयोग करते हैं। यही कारण है कि गधे के प्रति लोगों का लगाव पूरी तरह कम हो गया है। बीते सर्वे के दौरान अकेले जुगसलाई क्षेत्र में ही दो दर्जन से अधिक गधे थे, लेकिन अब वह भी नहीं दिखाई देते।
पोटका प्रखंड में सर्वाधिक पशुधन
जमशेदपुर के पोटका प्रखंड में पशुधन की संख्या सर्वाधिक पाई गई है जो सुखद संदेश है।
पशु संख्या
गाय - 97446
भैंस - 34547
भेड़ - 31423
बकरी - 51400
सुअर - 7535
कुत्ता - 458
मुर्गी - 261422
बतख – 169311