कैट ने जारी किया भारत ई-मार्केट पोर्टल, नहीं बिकेंगे चीनी उत्पाद

कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में ई-कॉमर्स पोर्टल भारत ई मार्केट के लोगों का शुभारंभ हुआ। दिसंबर माह से कैट की अपनी स्वदेशी ई-मार्केर्ट पोर्टल होगा जिसमें किसी भी चीनी उत्पाद की बिक्री नहीं होगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:28 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:28 PM (IST)
कैट ने जारी किया भारत ई-मार्केट पोर्टल, नहीं बिकेंगे चीनी उत्पाद
कोविड 19 के समय देश का ऑनलाइन व्यापार सात प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत तक हो चुका है।

जमशेदपुर, जासं।  कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में ई-कॉमर्स पोर्टल, भारत ई मार्केट के लोगों का शुभारंभ हुआ। दिसंबर माह से कैट की अपनी स्वदेशी ई-मार्केर्ट पोर्टल होगा जिसमें किसी भी चीनी उत्पाद की बिक्री नहीं होगी। 

इस नए भारत ई-कॉमर्स पोर्टल का लोगो है, मेरे लिए-मेरे देश के लिए। कैट का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्रन मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए इस पोर्टल की शुरूआत की जा रही है। इसमें केवल भारतीयों द्वारा बनाए गए उत्पाद ही बिकेंगे। भारत ई-मार्केट लोगों के शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुडे। कहा कि यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भारतीय व्यवसासियों को समानता के साथ व्यापार उपलब्ध कराने के संकल्प को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। जो भी सरकार की नीतियों का उल्लघंन करेगा, उन्हें सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

ये कहा राष्‍ट्रीय महामंत्री ने

इस मौके पर कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने कहा कि कोविड 19 के समय देश का ऑनलाइन व्यापार सात प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत तक हो चुका है। शहरी क्षेत्र में 42 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्ता ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीदारी कर रहे हैं। वर्तमान में 45 बिलियन डॉलर का व्यापार ई-कॉमर्स के माध्यम से हो रहा है जो 2026 200 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। दोनो राष्ट्रीय नेताओं ने एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील की है कि वे ई-कॉमर्स व्यापार के लिए पॉलिसी बनाए। एक रेगुलेटरी ऑथिरिटी का गठन करे और विसंगतियों को दूर कर देश भर में एक पॉलिसी का निर्धारण करें ताकि ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी खत्म हो सके।

chat bot
आपका साथी