GST Latest Update : कर्मचारियों की कैंटीन सेवाएं जीएसटी दायरे से बाहर, एएआर ने दिया फैसला

GST Rules औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अब कैंटीन की सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने कहा है कि कैंटीन शुल्क कर्मचारियों द्वारा एकत्र की गई राशि है...

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:45 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:57 PM (IST)
GST Latest Update : कर्मचारियों की कैंटीन सेवाएं जीएसटी दायरे से बाहर, एएआर ने दिया फैसला
GST Latest Update : कर्मचारियों की कैंटीन सेवाएं जीएसटी दायरे से बाहर

जमशेदपुर, जासं। कई बड़े औद्योगिक और विनिर्माण इकाइयों को कुछ राहत प्रदान करने वाले कर निर्णय के बाद कर्मचारियों से एकत्र किए गए कैंटीन शुल्क अब माल और सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर होंगे। हाल के एक फैसले में गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने कहा कि कैंटीन सेवा प्रदाता को भुगतान किए जाने वाले कैंटीन शुल्क के लिए कर्मचारियों से एकत्र की गई राशि पर जीएसटी लागू नहीं है।

कर विशेषज्ञों का कहना है कि यह कई कंपनियों के बीच बहस का मुद्दा रहा है, जिन्हें मौजूदा कानून के तहत फूड कैंटीन मुहैया कराना है। ज्यादातर मामलों में कर्मचारियों से एक टोकन राशि एकत्र की जाती है। एएआर ने फैसला सुनाया कि ऐसे मामलों में जहां कंपनी इस राशि पर कोई लाभ नहीं कमा रही है और केवल एक मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रही है, जीएसटी नहीं लगाया जा सकता है। जमशेदपुर के टाटा स्टील व टाटा मोटर्स में आज भी कैंटीन की सुविधा है, जहां काफी सस्ते दर में कर्मचारियों को भोजन दिया जाता है। 

अलग-अलग प्राधिकरणों का था अलग दृष्टिकोण

पहले के दो एएआर फैसलों में दो अलग-अलग प्राधिकरणों द्वारा एक अलग दृष्टिकोण लिया गया था। टाटा मोटर्स के मामले में एएआर ने फैसला सुनाया था कि इतनी राशि पर जीएसटी लागू नहीं है, जबकि एमनील फार्मास्युटिकल्स के मामले में एक विपरीत दृष्टिकोण लिया गया था।

नांगिया एंडरसन इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा कि कर्मचारियों के लिए कैंटीन सेवाओं का प्रावधान और उस पर जीएसटी भुगतान पूरे उद्योग में चर्चा का विषय रहा है और उक्त मामले में आवेदक के पक्ष में और उसके खिलाफ कई फैसले सुनाए गए हैं।

विभिन्न प्राधिकरणों से अलग-अलग राय की पृष्ठभूमि में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड से उचित स्पष्टीकरण इस मुद्दे को शांत कर सकता है और उद्योग को सही स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाता है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट ने भी फैलाया था भ्रम

कैंटीन पर जीएसटी और कंपनियों को मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट ने भी पहले भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। 2018 में सरकार ने कहा था कि बैंक सुरक्षा गार्डों द्वारा भुगतान किए गए जीवन बीमा प्रीमियम का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकते हैं। अस्पताल नर्सों द्वारा भुगतान किए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम का क्रेडिट ले सकते हैं और कंपनियां मजदूरों से ली जाने वाली कैंटीन फीस का क्रेडिट ले सकती हैं।

इनपुट टैक्स क्रेडिट एक ऐसा तंत्र है जहां किसी कंपनी या बैंक द्वारा इनपुट सेवाओं या कच्चे माल पर भुगतान किए गए जीएसटी का हिस्सा भविष्य की कर देनदारियों के खिलाफ सेट किया जा सकता है। फिर भी सरकार के स्पष्टीकरण का मतलब यह भी था कि कुछ मामलों में कैंटीन शुल्क पर जीएसटी लागू किया जा सकता है।

कर विशेषज्ञ अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि अपवाद का मतलब है कि किसी भी नियोक्ता द्वारा प्रदान की जाने वाली कोई भी सेवा जो कानून द्वारा अनिवार्य है, इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पात्र होगी। हाल ही में AAR का फैसला इसे एक कदम और आगे ले जाता है। एएआर का मतलब है कि बिना लाभ कमाने के इरादे से नियोक्ता द्वारा प्रदान की जाने वाली कोई भी सेवा जीएसटी के दायरे से बाहर होनी चाहिए।

chat bot
आपका साथी