कैट ने मनाया ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस, अपने अंदाज में किया प्रदर्शन

कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनियों के विरोध में ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस मनाया। इस दौरान कैट के सदस्यों ने देश भर के बाजाराें में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। कैट ने ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस मनाने का आह्वान किया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 06:20 PM (IST)
कैट ने मनाया ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस, अपने अंदाज में किया प्रदर्शन
कैट ने ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस मनाने का आह्वान किया है।

जमशेदपुर, जासं। कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनियों के विरोध में ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस मनाया। इस दौरान कैट के सदस्यों ने देश भर के बाजाराें में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया।

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया का कहना है कि विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी, देश के कानून का उल्लघंन और भारतीय रिटेल सेक्टर पर उनके अनैतिक कब्ज़े के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज़ मुखर की है और देश के छोटे व्यापारियों के अस्तित्व की लड़ाई जारी रखी है। इसी कड़ी में कैट ने ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस मनाने का आह्वान किया है। लेकिन बीते कुछ सप्ताह से देश भर में अचानक बढ़ते कोविड के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सभी राज्य सरकारों ने गाइडलाइंस जारी कर दिया है। जिसके बाद सामूहिक जनसमूह या रैलियों पर सख्त प्रतिबंध लग गया है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का सम्मान करते हुए देश भर में व्यापारियों ने करीब 250 बाज़ारों में तथा अपनी दुकानों के बाहर खड़े हो कर ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे मनाया और ई कॉमर्स व्यापार पर विदेशी कंपनियों के कब्जे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

ये किया गया दावा

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने बताया कि कैट के आह्वान पर आयोजित ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस कोविड के चलते लगे प्रतिबंधों के बावजूद सफल रहा। देश के हर राज्य के विभिन्न जिलों के जिलाधीशों को स्थानीय व्यापारी संगठनों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नाम पर एक ज्ञापन सौंपा। व्यापारी नेता ने बताया हम केंद्र सरकार से यह भी मांग करेंगे कि एफडीआई नीति के तहत प्रेस नोट 2 में आवश्यक परिवर्तन करके एक नया प्रेस नोट जल्द जारी किया जाए और इसका सख्ती से पालन करने का प्रावधान भी किया जाए।

विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के परोक्ष कब्जे से भारत के ई कॉमर्स व्यापार को मुक्त करना जरूरी

सुरेश सोंथालिया, सिंहभूम चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के महासचिव भरत वसानी और जमशेदपुर डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन के दिलीप गोयल ने बताया कि कैट के निरंतर प्रयासों के चलते अब विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के परोक्ष कब्जे से भारत के ई कॉमर्स व्यापार को मुक्त करना जरूरी हो गया है। नहीं तो ये विदेश ई कॉमर्स कंपनियां स्वयं को ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण बनाने में देर नहीं लगाएंगी। यदि देश के कानून, नीति और नियमों का ये कंपनियां उल्लंघन करती रहीं और सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो देश आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ता चला जाएगा। सोंथलिया ने कहा कि देश के ई-कॉमर्स की विकृत हो चुके प्रकृति के कारण, देश का खुदरा और थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इनमे मोबाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़, किराना, मसाले, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट आइटम, रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर, चश्मा, घड़ियाँ, दवाएं और फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स, फूड और ड्रिंक, रसोई उपकरण, बिल्डर्स हार्डवेयर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी, कागज, और बिजली के सामान आदि प्रमुख हैं। उन्होंने ये भी बताया कि अगर ये स्थिति रही तो बहुत जल्द ये सभी व्यापार और इनसे जुड़े उद्योग पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। यही कारण है कि कैट ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से जल्द इस पर निर्णय लेते हुए नए प्रेस नोट और एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ साथ देश के कानून का उल्लंघन करने वालो पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।

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