इलेक्ट्रिक कार खरीदें, आयकर रिटर्न में छूट पाएं, है न कमाल की बात

वैसे तो होम लोन एजुकेशन लोन मेडिकल इंश्योरेंस सहित अन्य मद में आयकर छूट मिलती है। ताजा मामला इलेक्ट्रिक वाहन का है। अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन लेते हैं तो सरकार इसमें भी छूट देती है। देर मत कीजिए यह योजना मार्च 2023 तक ही लागू है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:21 AM (IST)
इलेक्ट्रिक कार खरीदें, आयकर रिटर्न में छूट पाएं, है न कमाल की बात
इलेक्ट्रिक कार खरीदें, आयकर रिटर्न में छूट पाएं, है न कमाल की बात

जमशेदपुर, जासं। आयकर भुगतान में छूट के लिए एलआइसी प्रीमियम या हाउसिंग लोन आदि पर छूट ताे पहले भी मिलती थी, लेकिन ताजा मामला इलेक्ट्रिक कार का आ गया है। ऐसे कार खरीदने पर काेई छूट नहीं मिलती है, लेकिन सरकार पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत आयकर अधिनियम की धारा 80 एफइबी के तहत यदि आपने इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए ऋण लिया है, तो उस राशि के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स से छूट मिल सकती है। फिलहाल यह नियम मार्च 2023 तक के लिए ही लागू है।

शहर के चार्टर्ड एकाउंटेंट विवेक चौधरी बताते हैं कि आयकर विभाग ने वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। इस दौरान आप इस बात की तैयारी कर सकते हैं कि हमें किन-किन चीजों के लिए आयकर भुगतान से छूट मिल सकती है। इसके आधार पर आप इनकम टैक्स रिफंड के लिए दावा भी कर सकते हैं।

हाउसिंग या होम लोन : अगर आपने हाउसिंग या होम लोन लिया है, तो आयकर अधिनियम के मुताबिक चुकाए गए ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिलेगी। आप दो लाख रुपये तक के ब्याज पर कर या टैक्स से छूट मिल सकती है। बशर्ते यह संपत्ति आपके नाम से हो।

होम लोन की मूल राशि : गृह ऋण या होम लोन की मूल राशि पर भी आप आयकर अधिनियम की धारा-80सी के तहत टैक्स से छूट ले सकते हैं। इसमें भी छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये तक ही होगी।

जीवन बीमा : आयकर अधिनियम के तहत जीवन बीमा के प्रीमियम पर टैक्स से छूट मिलेगी। इसके अलावा भविष्य निधि या प्रोविडेंट फंड, पीपीएफ, बच्चों की स्कूल या कालेज की ट्यूशन फीस, राष्ट्रीय बचत योजना या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट आदि पर भी आयकर छूट मिलती है।

केंद्र की पेंशन योजना : यदि आपने केंद्र सरकार की किसी पेंशन योजना में निवेश किया है, तो उसमें भी टैक्स से छूट मिलेगी। नेशनल पेमेंट सिस्टम (एनपीएस) में निवेश करते हैं तो आपको 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यह 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट से अलग होगी। यानी आपने होम लोन में डेढ़ लाख रुपये की छूट ले ली है, ताे भी आपको इस पेंशन योजना के लिए छूट मिलेगी। बशर्ते आप किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में काम करते हों या राज्य सरकार के कर्मचारी रहे हों। इसमें आपको कुल वेतन का 10 से 14 प्रतिशत राशि तक ही छूट का प्रविधान होगा।

स्वास्थ्य बीमा : यदि आपने स्वास्थ्य बीमा कराया है और उसका नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच के लिए उपयोग कर रहे हैं, तो इसके तहत भी प्रीमियम के आधार पर आयकर से छूट मिलेगी। आप 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर छूट का दावा कर सकते हैं। यदि आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन है, तो टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये हो जाएगी।

दिव्यांग की देखभाल : यदि आपका कोई आश्रित दिव्यांग है, तो उसकी देखभाल पर होने वाले खर्च के मुताबिक आयकर छूट के लिए दावा कर सकते हैं। हालांकि इसकी वार्षिक सीमा 75 हजार रुपये ही है। यदि दिव्यांग 80 प्रतिशत से ज्यादा है तो 1.25 लाख रुपये तक छूट मिलेगी।

इलाज : स्वास्थ्य या जीवन बीमा से अलग आप अपने या अपने किसी आश्रित के इलाज पर हुए खर्च के आधार पर भी छूट हासिल कर सकते हैं। खास बीमारी में इसके लिए 40 हजार रुपये तक छूट मिलती है, जबकि वरिष्ठ नागरिक के लिए एक लाख रुपये तक।

शिक्षा : आप अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए शिक्षा ऋण या एजुकेशन लोन ले चुके हैं, तो उस पर भी आयकर से छूट मिलती है। लोन लेने के बाद आठ साल तक इसके तहत छूट मिलती है, लेकिन दो बच्चों से ज्यादा पर एक बार में छूट नहीं मिलेगी।

मकान किराया : यदि आप मकान का किराया देते हैं और कंपनी या आपका विभाग आपको मकान किराया नहीं देता है, तो इसके आधार पर आप आयकर छूट ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको मकान किराया की वैधानिक रसीद जमा करनी होगी। आजकल रिटर्न में डाक्यूमेंट नहीं मांगे जा रहे हैं, लेकिन आयकर विभाग शक होने पर आपसे दस्तावेज मांग सकता है।

नोट : गलत दावों पर पड़ जाएंगे लेने के देने। ध्यान रहे आयकर रिटर्न में अब विभाग कोई भी दस्तावेज संलग्न करने को नहीं करता है, लेकिन शक होने पर आपका दावा गलत निकला तो भारी भरकम राशि देनी पड़ सकती है।

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