बजट से आस : बुजुर्ग मांग रहे मांग रहे स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा
जासं जमशेदपुर झारखंड सरकार बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करने वाली है।
जासं, जमशेदपुर : झारखंड सरकार बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करने वाली है। ऐसे में हर वर्ग टकटकी लगाए बैठा है कि सरकार उनके लिए कौन सी नई सुविधा देने जा रही है। यह सवाल बुजुर्गों के मन में भी कौंध रहा है कि उनका जीवन पहले से आसान होगा या उनकी जिदगी उम्मीद में ही पार हो जाएगी।
इस संबंध में हमने जब शहर के कुछ बुद्धिजीवी बुजुर्गों से बात की, तो उनके मन की पीड़ा छलक पड़ी। सभी का कहना था कि सेवानिवृत्त होने के बाद बुजुर्गो को किसी न किसी पर निर्भर रहना पड़ता है। सबसे ज्यादा उम्मीद बेटे-बहू से होती है, लेकिन जब वे भी अपने काम या किसी कारणवश उपेक्षा करने लगते हैं, तो सरकार से उम्मीद रहती है। किसी भी सरकार की प्राथमिकता जनकल्याण होती है, होना भी चाहिए। हालांकि हाल के वर्षों में ऐसा देखने में आया है कि सरकार घोषणाएं करके अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेती है, उन घोषणाओं का अनुपालन हो रहा है कि नहीं, इसे देखने की जहमत कोई नहीं उठाता। ज्यादातर बुजुर्गों का कहना था कि हम तो यही चाहते हैं कि सरकार हमारे इलाज की बेहतर व निश्शुल्क व्यवस्था कर दे और दैनिक खर्च के लिए कुछ राशि दे दे। ---------------------
बुजुर्गों की पेंशन हो पांच हजार :
बुढ़ापे में नब्बे फीसद बेटे-बहू भी साथ नहीं देते हैं, बल्कि कई तो ऐसे बेटे हैं जो अपने माता-पिता को घर से भी निकाल देते हैं। ऐसे बुजुर्ग अपने ही बनाए घर में चैन की नींद पाने के लिए तरस जाते हैं। सरकार को इस पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा सरकार अभी जो एक हजार रुपये पेंशन दे रही है, उसे बढ़ाकर पांच हजार कर देना चाहिए। इस महंगाई में एक हजार से महीने का खर्च नहीं चल सकता। सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति का अध्यक्ष होने के नाते मैं इसके लिए प्रयासरत हूं।
- शिवपूजन सिंह, मानगो
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बुजुर्ग को सरकार भी दे सम्मान
भारतीय संस्कृति ही नहीं, पूरी दुनिया में बुजुर्ग को सम्मान देने की परंपरा है। हम चाहते हैं कि सरकार भी बुजुर्ग को सम्मान दे। उन्हें इलाज कराना हो या कोई काम, रियायत मिले। सरकार और उनके अधिकारी सम्मान दें। इससे ज्यादा क्या चाहिए। फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है। सरकारी विभागों में भी छोटे-छोटे काम के लिए बुजुर्गों को इस तरह परेशान किया जाता है, मानों वे जवान हों ऐसा नहीं होना चाहिए। बुजुर्गो का काम प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। इसके लिए सरकार को दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए।
- डा. दिलीप ओझा, मानगो
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सभी बुजुर्ग को मिले पेंशन
सरकार पहले सिर्फ बीपीएल कार्डधारक बुजुर्गों को पेंशन देती थी। हेमंत सरकार ने आते ही यह बंदिश समाप्त कर दी, जो काफी सराहनीय कदम है। मेरा मानना है कि सरकार हर उस बुजुर्ग को पेंशन दे, जो लेना चाहता है। सरकारी नौकरी या बड़ी कंपनी से सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी तक जेब खर्च के लिए बेटे-बहू पर निर्भर रहते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि सरकार यह सुविधा दे देती है, तो बहुत अच्छा होगा।
- यमुना तिवारी व्यथित, मनीफिट, टेल्को
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निश्शुल्क इलाज की सुविधा मिले
सरकार ऐसी व्यवस्था कर सकती है कि किसी भी बुजुर्ग को सरकारी या निजी अस्पताल में निश्शुल्क इलाज की सुविधा मिले। जीवन भर व्यक्ति किसी संस्थान में काम करता है तो वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से सरकार को टैक्स का भुगतान करता ही है। सेवानिवृत्त होने के बाद जब वह लाचार हो जाता है, तो सरकार का भी फर्ज होता है कि वह उस बुजुर्ग का ख्याल रखे। सरकार हर चीज में नफा-नुकसान देखेगी तो जनकल्याण का काम ही नहीं होगा। सरकार के लिए यह बहुत बड़ी बात नहीं है।
- उमेश चतुर्वेदी, जुगसलाई