पुस्तक मेला : डिमांड में वास्तुशास्त्र, पाककला की पुस्तकें

जमशेदपुर पुस्तक मेले में वैसे तो हर वर्ग के पसंद की पुस्तकों की भरमार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 05:00 AM (IST)
पुस्तक मेला : डिमांड में वास्तुशास्त्र, पाककला की पुस्तकें
पुस्तक मेला : डिमांड में वास्तुशास्त्र, पाककला की पुस्तकें

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर पुस्तक मेले में वैसे तो हर वर्ग के पसंद की पुस्तकों की भरमार है। वहीं वास्तुशास्त्र व पाक कला की पुस्तकों की भी अच्छी-खासी डिमांड है। इसके अलावा बच्चों के लिए कई स्टालों पर उनके पाठ्यक्रम की सहयोगी पुस्तकों को अभिभावक खरीद रहे हैं। छोटे बच्चों के लिए सामान्य जानकारी प्रदान करनेवाली पुस्तकों के अलावा बाल कहानियां, कॉमिक्स आदि लुभा रहे हैं।

गीता प्रेस गोरखपुर के स्टॉल संचालक संतोष कुमार ने बताया कि अन्य पुस्तकों के अलावा लोगों में वास्तुशास्त्र और पाक कला से जुड़ी पुस्तकों की अच्छी मांग है। इस बार पाक कला विशेषज्ञों की कई पुस्तकों का कलेक्शन भी उपलब्ध है। पाककला पर लिखी गई संजीव कपूर की किताब जो पहले तीन सौ रुपये में थी, इस बार सौ रुपये में मिल रही है। इस बार 50 रुपये में संपूर्ण रामचरित मानस उपलब्ध है। यह आकार में छोटी होने के साथ ही घरों में रखने में अधिक उपयोगी है। कल्याण का वार्षिक संकलन है। गीता दैनंदिनी भी काफी उपयोगी है।

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फिल्मों के प्रति जागरूक कर रहा सेल्यूलाइड चैप्टर का स्टॉल

पुस्तक मेले में सेल्यूलाइड चैप्टर के स्टॉल में फिल्म से जुड़ी पुस्तकों की प्रदर्शनी लगी है। लोगों को फिल्मों के प्रति जागरूक करने और फिल्मी हस्तियों से जुड़ी जानकारी देने के लिए कई किताबों की बिक्री भी की जा रही है।

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पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं : डॉ. स्नेहलता

पुस्तक मेले में पहुंची शहर की जानीमानी शिक्षाविद डॉ. स्नेहलता सिन्हा ने कहा कि पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है। यही वजह है कि इस मेले में बड़ी संख्या में वे लोग पहुंचते हैं जिन्हें पढ़ने का शौक है। कहा कि इस बार राजकमल प्रकाशन के स्टॉल से बंकिमचंद्र की प्रसिद्ध कृति आनंदमठ खरीदी है।

-- डॉ. कमलकांत ने शहर की बस्तियों पर लिखी किताब

(फोटो : 20 जेएमडी 55 बी)

जासं, जमशेदपुर : पुस्तक मेले में शहर के कई लेखकों की किताबें बिक रही हैं, जिसमें ताजातरीन पुस्तक 'अपराध बोध' भी हैं। यह डॉ. कमलकांत लाल की पहली कृति है, जो शहर की बस्तियों पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार सामाजिक कुरीतियों को परंपरा या रिवाज के नाम पर जारी रखा जा रहा है। कमलकांत बताते हैं कि उनका जन्म इसी शहर में हुआ। पेशे से डॉक्टर हैं। लंबे समय तक टिनप्लेट और मर्सी अस्पताल में सेवारत रहे। अब सबकुछ छोड़कर साहित्य सेवा में रम गए हैं। गोलमुरी के आकाशदीप प्लाजा में चैंबर खोला है, जहां लाइब्रेरी भी है। जो किताब खरीद नहीं सकते, उन्हें दो-पांच रुपये में घर ले जाने के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराता हैं।

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एक किताब में कई भाषाओं का ज्ञान

(फोटो : 20 जेएमडी 56 बी)

जासं, जमशेदपुर : रवींद्र भवन में लगे पुस्तक मेला में शहर के लेखक पीआरएन सिन्हा की पुस्तक 'व‌र्ल्ड लिटरेचर डाइजेस्ट' बिक रही है, जो कई भाषाओं को समेटे हुए है। टाटा मोटर्स अस्पताल के हेड डॉ. संजय कुमार के पिता पीआरएन सिन्हा व सीमा शेखर की यह पुस्तक इस मामले में अनूठी है कि इसमें प्राचीन भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी, ¨हदी, यूनानी, लैटिन, रोमन, इतालवी, फ्रांसीसी, जर्मन, रूसी से लेकर बांग्ला, तमिल, गुजराती, मलयालम, उर्दू, फारसी, कन्नड़, मराठी आदि भाषाओं के साहित्यकारों और उनकी उत्कृष्ट रचनाओं का विस्तृत व सुव्यवस्थित उल्लेख है। वह बताते हैं कि तथ्यों के संकलन में शताक्षी शेखर, गार्गी सिन्हा, शिवांगी सिन्हा व सान्या सिन्हा का अहम योगदान रहा। यह किताब मेला के 20 नंबर स्टॉल पर उपलब्ध है। पीआरएन सिन्हा पटना विश्वविद्यालय में प्राचार्य रह चुके हैं।

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