Tata Pigment Bonus: टाटा पिगमेंट में हुआ बोनस समझौता, मिलेंगे अधिकतम 51,287 रुपये
Tata Pigment Bonus टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) के कर्मचारियों को अब भी बोनस का इंतजार है। टाटा स्टील में 18 अगस्त को बोनस समझौता हुआ था। ये रही पूरी जानकारी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, टाटा पिगमेंट लिमिटेड में मंगलवार को बोनस समझौता हुआ। नए समझौते के तहत कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अधिकतम 51,287 और न्यूनतम 36,211 रुपये बोनस मिलेगा। कर्मचारियों को बोनस का पैसा कंपनी प्रबंधन इसी सप्ताह के अंत तक भेज देगी।
टाटा पिगमेंट लिमिटेड के बोनस समझौते पर प्रबंध निदेशक यूके सिंह, मुख्य निर्माण प्रबंधक पीकेपी सिंह, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी योगेश हेबालकर, वित्त एवं लेखा प्रमुख दिनेश अग्रवाल व मुख्य आईडीसीएम पवन कुमार मिश्रा ने हस्ताक्षर किए। वहीं, यूनियन की ओर से अध्यक्ष बिनोद सिंह, उपाध्यक्ष जेके सिंह, महासचिव दिनेश तिवारी, सहायक सचिव कमलेश शर्मा, राजेश सरदार, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार यादव ने हस्ताक्षर किए।
कोरोना के कारण प्रभावित रहा उत्पादन
कोविड 19 के कारण देश भर में अप्रैल से जून 2020 तक लॉकडाउन रहा। इसके कारण तीन माह तक टाटा पिगमेंट में उत्पादन प्रभावित रहा। लेकिन यूनियन ने कंपनी प्रबंधन के साथ वार्ता कर कर्मचारियों को सम्मानजनक बोनस दिलाने में सफल रही। यूनियन अध्यक्ष विनोद सिंह व महासचिव दिनेश तिवारी ने अपने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे बोनस के पैसे का सदुपयोग करें। इस पैसे को बच्चों के बेहतर भविष्य, उनकी शिक्षा में खर्च करें।
जुस्को कर्मचारियों को अब तक बोनस का इंतजार
टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) के कर्मचारियों को अब भी बोनस का इंतजार है। टाटा स्टील में 18 अगस्त को बोनस समझौता हुआ था। पूर्व की परंपरा के अनुसार हर बार टाटा स्टील के बोनस के बाद उसकी अनुषंगी इकाइयों में भी बोनस समझौता होता है। लेकिन जुस्को यूनियन में चुनाव नहीं होने से वर्तमान कार्यकारिणी भंग हो चुकी है। ऐसे में कंपनी प्रबंधन ने यूनियन नेतृत्व को बोनस पर वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं कर रही है। जिसके कारण कर्मचारियों का समझौता नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि कंपनी प्रबंधन बोनस पर एकतरफा निर्णय लेते हुए खुद ही कर्मचारियों का बोनस उनके बैंक खाते में भेज देगी।