एमओ और गोदाम प्रबंधक की मिलीभगत से चल रहा था सरकारी अनाज की कालाबाजारी का धंधा Jamshedpur News
अनाज की कालाबाजारी में ट्रांसपोर्टर की एमओ व गोदाम प्रबंधक की हिस्सेदारी रहती थी। 50 किलो वाले चावल या गेहूं की एक बोरी पर एमओ को 100 और गोदाम प्रबंधक को 50 रुपये मिलते थे।
जमशेदपुर, जासं। सरकारी अनाज की कालाबाजारी मामले में लगातार दूसरे दिन छापेमारी अभियान चला, जिसका नेतृत्व एडीएम नंदकिशोर लाल व सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट ने किया। टीम सबसे पहले दोपहर करीब तीन बजे जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम गई। वहां गोदाम का प्रभार जनसेवक के जिम्मे था। उसने टीम को बताया कि यहां से ट्रांसपोर्टर दीपक मोहनानी यहां से करीब 180 जनवितरण प्रणाली की दुकान के लिए चावल, गेहूं व चीनी उठाता था, लेकिन हाल के दिनों में कोई उठाव नहीं हुआ। इसके बाद टीम वहां से बर्मामाइंस के गोदाम पहुंची, तो छानबीन में पता चला कि 16 सितंबर को रजिस्टर में ओवरराइटिंग करके 90 क्विंटल चावल का उठाव हुआ था। यहीं इस बात का पता चला कि ट्रांसपोर्टर के साथ एमओ या मार्केटिंग आफिसर व गोदाम प्रबंधक की मिलीभगत से पूरा खेल चलता था।
टीम को पता चला कि बर्मामाइंस में ट्रांसपोर्टर संजय मोहनानी की पांच राशन दुकान है। यह भी पता चला कि इन दुकानों की चाबी राजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति के पास है। राजेंद्र सिंह से संपर्क हुआ, लेकिन उसने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव है। इस पर उसकी बेटी को बुलाया गया, जिसने पांच दुकान खोलकर टीम को जांच में सहयोग किया। इन दुकानों में रजिस्टर व भंडार पंजी में कई गड़बड़ी मिली। अंत में टीम छोटा गोविंदपुर गई, जहां बालाजी नगर स्थित एक दुकान में जांच की गई। वहां भी स्टॉक पंजी व बिक्री पंजी में गड़बड़ी मिली। टीम रविवार को भी गोदाम-दुकान की जांच करेगी।
साकची स्थित खाद्य निगम के गोदाम की नहीं हो सकी जांच
एडीएम व सिटी एसपी के नेतृत्व वाली टीम साकची बाजार स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम भी गई थी, लेकिन वहां जांच नहीं हो सकी। पता चला कि मार्केटिंग अफसर केपी सिंह विभागीय कार्य से रांची गए हैं। टीम उनके आने के बाद इस गोदाम की जांच करेगी।
एमओ व गोदाम प्रबंधक को मिलता था हिस्सा
अनाज की कालाबाजारी में ट्रांसपोर्टर की एमओ व गोदाम प्रबंधक की हिस्सेदारी रहती थी। पता चला कि 50 किलो वाले चावल या गेहूं की एक बोरी पर मार्केटिंग अफसर को 100 रुपये और गोदाम प्रबंधक को 50 रुपये मिलते थे। दोनों का काम पीडीएस डीलरों से आवंटन की पूरी मात्रा पर प्राप्ति दिखाना और आधे माल की आपूर्ति कराना होता था। इस तरह इस कालाबाजारी में पीडीएस डीलर की भी सहमति रहती थी।
पोटका में पलटे ट्रक का मालिक पटमदा का मिला
पोटका के बालीजुड़ी में 16 सितंबर को 100 बोरा गेहूं से लटा 407 ट्रक पलटा था, उसके मालिक का पता चल गया। वह पटमदा के माचा गांव का रहने वाला मनोज कुमार दत्ता है। पुलिस जब उसे पकड़ने गई तो पता चला कि वह फरार है। मनोज दत्ता पहले भी राशन की कालाबाजारी में ब्लैक लिस्टेड रह चुका है। उसके ट्रक में बंगाल का नंबर था, जिससे पुलिस पहले चकमा खा गई थी। हालांकि जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन ने उसका पता लगा लिया है। अब उसके पकड़ाने के बाद कई राज खुलेंगे।