रघुवर दास का चला सिक्का, गुंजन बने जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष Jamshedpur News
लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने प्रदेश कमेटी के साथ जिला अध्यक्षों की भी घोषणा कर दी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने प्रदेश कमेटी के साथ जिला अध्यक्षों की भी घोषणा कर दी। पूरी सूची पर नजर डालने से लगता है कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सिक्का जमकर चला।
हालांकि बाबूलाल मरांडी का भी मन रखा गया है, तो अर्जुन मुंडा और निशिकांत दुबे को भी संभाल लिया गया। कुल मिलाकर कमेटी को इस तरह संतुलित बनाया गया है कि असंतुष्ट बहुत कम या नहीं के बराबर बचे। जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव को बनाना प्रदेश कमेटी का चौंकाने वाला फैसला रहा, क्योंकि मार्च में जब रायशुमारी हुई थी तो गुंजन कहीं रेस में नहीं थे।
वैसे गुंजन यादव पहले भी जिला कमेटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। गुंजन रघुवर के चहेते हैं, यह सभी जानते हैं, लेकिन दिनेश उनके भगीना होने के साथ-साथ कुशल संगठनकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। बहरहाल, विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो से भाजपा में आए बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी को राजेश शुक्ल की जगह प्रदेश प्रवक्ता बनाने का श्रेय भी रघुवर दास को ही जाता है। कुणाल को उन्होंने ही पार्टी में लाया था, जिससे उस वक्त कई लोग नाराज भी थे।
महानगर अध्यक्ष की रेस में शामिल नंदजी प्रसाद को पूर्वी ¨सहभूम जिला का संगठन प्रभारी बनाया गया है, लेकिन उनकी भूमिका ग्रामीण क्षेत्र में ही सीमित रहेगी। जमशेदपुर की महिला कार्यकर्ताओं में रीता मिश्रा को प्रदेश मंत्री बनाया गया, जबकि जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष विनोद ¨सह को भी रांची ग्रामीण का प्रभारी बनाया गया है। झाविमो से भाजपा में आए बाबूलाल मरांडी के करीब व जमशेदपुर महानगर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अभय ¨सह को धनबाद का प्रभारी बनाना समझ से परे है। लेकिन अभय को महत्व दिया गया, यही बड़ी बात है। वैसे अभी झाविमो के महानगर अध्यक्ष रहे बबुआ ¨सह को भी इंतजार है कि कोई पद मिलेगा।
सरयू समर्थकों के पर कतरे गए
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का सिक्का इस बात से भी चलता हुआ दिख रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ बागी होकर उतरे जमशेदपुर पूर्वी के विधायक बने सरयू राय के समर्थकों का पर बखूबी कतर दिया गया। चुनाव के दौरान सरयू की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद करने वाले कुछ लोगों को पहले ही निष्कासित कर दिया गया था, रही-सही कसर कमेटी गठन में कर दी गई। जो सरयू समर्थक भाजपा में बने हुए दिख रहे थे, उन्हें कहीं तरजीह नहीं मिली। निष्कासित तो अंदर नहीं ही हुए, जो बचे थे, बड़ी सफाई से बाहर कर दिए गए।
दैनिक जागरण का अनुमान सही निकला
दैनिक जागरण ने 27 मई को खबर प्रकाशित कर दिया था, जिसमें लिखा था कि नए चेहरे को मिलेगी भाजपा की कमान। इसमें यह बताया गया था कि विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए प्रदेश कमेटी यह निर्णय ले सकती है, जो सही साबित हुई। इसमें यह भी लिखा गया था कि जो भी जिलाध्यक्ष बनेगा, वह अभी रेस में नहीं दिख रहा है।
एक वर्ष से लंबित था चुनाव
प्रदेश भाजपा ने जिला कमेटियों को जो घोषणा की है, वह एक साल से लंबित था। जिला कमेटी का कार्यकाल अप्रैल 2019 में ही हो जाना चाहिए था, लेकिन पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव को देखते हुए टाल दिया गया था। इसके बाद मार्च के अंत में रायशुमारी हो गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से करीब चार माह बाद जिला कमेटी का पुनर्गठन किया गया।