Birsa Munda Death Anniversaryः झारखंड के महानायक भगवान बिरसा मुंडा को जमशेदपुर के लोगों ने किया नमन
आदिवासियों के महानायक देश के महान क्रांतिकारी झारखंड के वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 121 वें शहादत दिवस के मौके पर उन्हें नमन किया गया। मुख्य कार्यक्रम बिरसानगर संडे मार्केट में लगी उनकी मूर्ति स्थल पर आयोजित हुआ।
जमशेदपुर, जासं। आदिवासियों के महानायक, देश के महान क्रांतिकारी, झारखंड के वीर सपूत, स्वतंत्रता सेनानी, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 121 वीं शहादत दिवस के मौके पर उन्हें नमन किया गया। मुख्य कार्यक्रम बिरसानगर संडे मार्केट में लगी उनकी मूर्ति स्थल पर आयोजित हुआ।
यहां सुबह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय व घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने सबसे पहले पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा उनके संदेश को उपस्थित लाेगों को बताया। कहा कि यह राज्य उन्हीं के उपदेशों से प्रेरित होकर झारखंडियों ने बनाया है। उन्होंने ही शोषण के खिलाफ हमें लड़ने की ताकत दी है।
आदिवासी एसोसिएशन सीतारामडेरा के सदस्यों ने दी श्रद्धांजलि
जमशेदपुर के न्यू सीतारामडेरा स्थित आदिवासी एसोसिएशन के प्रांगण में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर जनजातीय परंपरा के अनुरूप पूजा अर्चना कर उपस्थित आदिवासी एसोसिएशन के शीर्ष पदाधिकारियों और सदस्यों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी उनके क्रांतिकारी कदमों, आंदोलनों, त्याग, बलिदान, उपदेशों और आदिवासियों के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों पर प्रकाश डाला एवं आनेवाली पीढ़ियों को उन्हें आत्मसात करने की बात कही। कोरोना के कारण आयोजित सांकेतिक कार्यक्रम के दौरान आदिवासी एसोसिएशन न्यू सीताराम डेरा की ओर से सूरा बांकिरा, एए तिग्गा, बाबूलाल जारीका, शंकर राव, दुर्गा बानरा, सौरभ खालको, सतीश पूर्ति, विशाल चौकिया, कुमारी शबनम बारी, कुमारी निशा, मिशेल तिर्की, शिशु सवैया, छोटेलाल और महेश आदि उपस्थित थे। यह जानकारी एसोसिएशन के प्रेस प्रवक्ता एसके शर्मा ने दी है।
बालीगुमा में अमर शहीद के बताए रास्तों पर चलने का लिया संकल्प
झारखंड नवनिर्माण अभियान की ओर से बालीगुमा में बिरसा मुंडा का पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने अमर शहीद बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उनके बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया। झामुमो के मदन मोहन सोरेन ने कहा कि उनके संघर्ष के कारण ही आज आदिवासियों का अस्तित्व बचा हुआ है। उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। इस अवसर पर मदन मोहन सोरेन के अलावा राखल सोरेन, दामू प्रामाणिक, पोरान सोरेन आदि उपस्थित थे।