Jamshedpur Crime: साइकिल चोर गिरोह का किया भंडाफोड़

Bicycle thief gang busted. राजनगर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने क्षेत्र में चल रहे साइकिल चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। राजनगर पुलिस ने क्षेत्र के बहादुरगंज से छापामारी कर घासीराम बेसरा उर्फ फुदान बेसरा के घर से चोरी के 27 साइकिल बरामद की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:49 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 05:49 PM (IST)
Jamshedpur Crime: साइकिल चोर गिरोह का किया भंडाफोड़
चोरी साइकिल के गोरखधंधा के लिए मशहूर है बहादुरगंज।

राजनगर: राजनगर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने क्षेत्र में चल रहे साइकिल चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। राजनगर पुलिस ने क्षेत्र के बहादुरगंज से सोमवार को छापामारी कर घासीराम बेसरा उर्फ फुदान बेसरा के घर से चोरी के 27 साइकिल बरामद किया है। जिसमें लेडीस और जेंट्स के दोनों तरह के नए-पुराने साइकिल हैं।

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी घासीराम उर्फ फुदान बेसरा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है ताकि चोरी के धंधे में संलिप्त और लोगों को पकड़ा जा सके।गुप्त सूचना मिली थी कि बहादुरगंज में बड़े पैमाने पर चोरी की साइकिल एक घर में रखी गई है। पुलिस बल के साथ छापेमारी की गई तो घासीराम उर्फ फुदान बेसरा के घर से 27 साइकिल बरामद हुई है। ये सभी चोरी के साइकिल हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

शम्भू शरण दास, थाना प्रभारी राजनगर

चोरी साइकिल के गोरखधंधा के लिए मशहूर है बहादुरगंज

राजनगर थाना क्षेत्र के जुमाल पंचायत के बहादुरगंज गांव एवं टियासरा चोरी साइकिल के गोरखधंधा के लिए मशहूर है। यहां खुलेआम चोरी का साइकिल खरीदने बेचने का गोरखधंधा चलता है। आपको आसानी से 15 सौ से 25 सौ तक में अच्छे अच्छे चोरी के साइकिल मिल जाते हैं। सस्ते दाम में चोरी की साइकिल चाहिए तो आप बहादुरगंज या टियासरा जा सकते हैं। साइकिल चोर गिरोह पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला, जमशेदपुर से लेकर उड़ीसा तक फैले हैं। बाहर के हाट बाजारों एवं मेलों से साइकिल चोरी कर लाये जाते हैं और यहां से कुछ मुनाफे लेकर ओरों को बेच देते हैं। क्षेत्र के लोग बताते हैं कि बहादुरगंज एवं टियासरा में यह धंधा बहुत सालों से चलता आ रहा है। दूर दूर से यहां लोग चोरी के साइकिल खरीदने आते हैं। क्षेत्र में चोरी साइकिल के गोरखधंधे की जानकारी सभी लोगों को पता है। वावजूद इससे पहले पुलिस आज तक इनका फंडाफोड़ नहीं कर पाती थी। सालों पहले एकाध बार छापेमारी हुई थी। मगर यह गोरखधंधा बंद होने के बजाय फिर से कुछ समय बाद फलने फूलने लगता है। अब देखना यह है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद आगे क्या होता है।

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