सोशल साइट्स से अश्लील सामग्री हटवाने में जुटी भारतीय जन महासभा, सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

भारतीय जनमहासभा ने तय किया कि सभी सोशल साइट्स से विभिन्न प्रकार की अश्लील सामग्री को हटाने की अपनी मांग को अब और भी जोरदार तरीके से रखना होगा। शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर अपनी बातों को रखेगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 09:44 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 02:38 PM (IST)
सोशल साइट्स से अश्लील सामग्री हटवाने में जुटी भारतीय जन महासभा, सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
भारतीय जनमहासभा की ऑनलाइन मीटिंग में शामिल प्रतिनिधि।

जमशेदपुर, जासं। भारतीय जनमहासभा की ऑनलाइन मीटिंग हुई, जिसमें तय किया गया कि सभी सोशल साइट्स से विभिन्न प्रकार की अश्लील सामग्री को हटाने की अपनी मांग को अब और भी जोरदार तरीके से रखना होगा। मीटिंग में यह भी तय किया गया कि शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर अपनी बातों को रखेगा। मीटिंग में भारतीय जन महासभा की उच्च स्तरीय समिति ने संत समिति के कथन का समर्थन किया है।

कांवड़ यात्रा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर रोक लगाने के मामले पर अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती का यह बयान जिसमें कहा गया है कि क्या हम यह मान लें कि हिंदुओं के पर्व-त्योहारों पर ही सुप्रीम कोर्ट अथवा उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाता है। पंजाब से लेकर बंगाल व राजस्थान तक के कटते-पिटते हिंदू व जम्मू कश्मीर से भगाए जाने वाले हिंदुओं के मामले पर स्वत: संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। दिल्ली के शाहीन बाग से दिल्ली सीमा पर चलने वाले किसान आंदोलन पर स्वतः संज्ञान लेना तो छोड़िए निर्णय देने में भी आनाकानी करते नजर आए हैं। बार-बार हिंदुओं के विषयों पर स्वत: संज्ञान लेने पर हमें क्या यह मान लेना चाहिए कि शनि शिंगणापुर से लेकर केरल के पद्मनाभ मंदिर और अय्यप्पा स्वामी के संदर्भ में कहीं न कहीं आपके सारे निर्णय वस्तुतः हिंदू विरोधी हैं। आग्रह किया गया है कि इस बनती अवधारणा को भी तोड़ने पर कदम उठाए जाने चाहिए।

इनकी रही सहभागिता

इस गूगल मीटिंग में पोद्दार के अलावा संस्था के संरक्षक राजेंद्र कुमार अग्रवाल़ डॉ अरुण गोयल (नई दिल्ली), डॉ प्रतिभा गर्ग (गुरुग्राम, हरियाणा), अनुसूया अग्रवाल (नागपुर महाराष्ट्र), कृष्णा कुमार साहा (पाकुड़ झारखंड), डॉ अवधेश कुमार अवध (मेघालय), लक्ष्मी गुसाईं (मेरठ), लक्ष्मी सिंह (भागलपुर), बिदेह नंदनी चौधरी (सिंगापुर), सुरेश चंद्र झा (जमशेदपुर) आदि शामिल थे।

संस्था के उद्देश्य विभिन्न सोशल साइट्स से सभी अश्लील वीडियो , कहानियां एवं चित्र आदि को हटवाने हेतु प्रयास करना ।  दुष्कर्म मामलों में पीड़िता को हरसंभव सहायता करना। दुष्कर्मी को सजा अवश्य हो, इसका प्रयास करना। दुष्कर्म मामलों के कानून को इतना कड़ा बनवाना कि कोई भी दोषी सजा से बच ना पाए, नाबालिग को भी सजा हो। दुष्कर्म मामले में अपराधी को सजा देने के लिए एक निश्चित समयसीमा का प्रावधान हो, ऐसा कानून बनवाना। एक उच्चस्तरीय समिति या अदालत का गठन कराना, जिसमे देश के हरेक दुष्कर्म मामले की रिपोर्ट जाएगी और वह समिति हरेक मामले की कार्रवाई पर कड़ी नजर रखेगी। बेटियों को आत्मरक्षा के लिए जूडो, कराटे, बॉक्सिंग आदि की ट्रेनिंग दिलाना और इसे स्कूल में छात्राओं के लिए अनिवार्य विषय के रूप में लिए जाने के लिए शिक्षा विभाग पर दबाव बनाना। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा लागू विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देना। आने वाली पीढ़ी में अच्छे संस्कार जागृत हों, ऐसा कार्य करना। संस्था की कार्यसमिति के निर्णयानुसार देशहित के कुछ और कार्यों को करना।

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