Bharat Bandh: झारखंड के कोल्हान में भारत बंद का ये है हाल, विपक्षी दलों के साथ नक्सलियों का भी समर्थन

Bharat Bandh झारखंड के कोल्हान में तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का खास असर नहीं दिख रहा है। बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता सडक पर उतर जरूर रहे हैं लेकिन जोर-जबर्दस्ती नहीं है। पुलिस भी सख्त है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:39 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:36 PM (IST)
Bharat Bandh: झारखंड के कोल्हान में भारत बंद का ये है हाल, विपक्षी दलों के साथ नक्सलियों का भी समर्थन
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर में सडक पर निकले बंद समर्थक।

जमशेदपुर /चाईबासा, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का झारखंड के कोल्हान में मिलाजुला असर दिख रहा है। बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता सडक पर उतर जरूर रहे हैं, लेकिन जोर-जबर्दस्ती नहीं है। पुलिस भी सख्त है। सख्ती से वह बंद समर्थकों के साथ पेश आ रही है। कोल्हान के तीनों जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां में स्थिति कमोवेश समान है।

चाईबासा से हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि बंद के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। सूबे में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सुबह से ही बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे । चाईबासा, कुमारडुंगी, मझगांव, जगन्नाथपुर, नोआमुंडी, मंझारी, तांतनगर, झींकपानी, हाटगम्हरिया, टोंटो, खुंटपानी, बड़ाजामदा आदि में सुबह से ही कांग्रेस - झामुमो कार्यकर्ता घूम -घूम कर दुकानों को बंद कराने निकले । इस दौरान पुलिस -प्रशासन भी सड़क पर निकल कर जबरदस्ती दुकान बंद करवाने वालों को वहां से हटाया। मझगांव चौक में सभी कुर्सी -बेंच लगाकर माइक में गाना गाते हुए बंद को समर्थन दिया। वही कुमारडुंगी, तांतनगर, मंझारी, नोआमुंडी में झामुमो -कांग्रेस कार्यकर्ता झंडा -बैनर लेकर सड़क पर निकले और बंद को सफल बनाने में ताकत झोंकी। झारखंड - उड़ीसा सीमा पर जैंतगढ़ चंपा में बंद का पूरा असर देखने को मिला। नेशनल हाईवे में दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। चाईबासा शहर में भी बंद कराने के लिए कांग्रेस- झामुमो कार्यकर्ता मोटरसाइकिल से झंडा बैनर लेकर निकले । वही खुली दुकानों को बंद कराया। साथ ही कुछ जगह परतू तू मैं मैं भी हुई।

भाकपा माओवादी ने कर रखा है भारत बंद का समर्थन

गोईलकेरा संवाददाता के अनुसार प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी संगठन की इकाई नारी मुक्ति संघ की कोल्हान प्रमंडल की प्रवक्ता फूलो बोदरा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हमारा संगठन संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद का पूर्ण समर्थन करता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन कृषि कानूनों से झारखंडी जनता खासकर आदिवासी किसान व महिलाएं गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। झारखंड के लैंड बैंक में पड़ी हजारों एकड़ भूमि उद्योगों में इस्तेमाल के बाद कॉरपोरेट खातों में ही तब्दील होगी। दूसरी ओर, कृषि उपजों की सार्वजनिक खरीद, भंडारण व वितरण खत्म होने से करोड़ों गरीब लोगों को सरकारी राशन दुकान से अनाज लेना पडेगा, तो उन्हें दो जून की रोटी भी नसीब नहीं होगी। खाद्यानों के वितरण पर सरकारी नियंत्रण खत्म होने के बाद बढ़ने वाली खाद्यानों की महंगाई से मध्यम वर्ग के पोषण पर भी प्रभाव पड़ेगा। झारखंड में जहां भूख से होने वाली मौत व महिलाओं व बच्चों में कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है। यह कानून आकाल व महामारी की ही उद्घोषणा है। इन कानूनों से होने वाले आदिवासी किसानों का पलायन व बच्चियों व महिलाओं की तस्करी बढ़ेगी तथा रोटी के लिए झारखंडी किसानों को भारतीय शहरों व महानगरों में दर-दर भटकने व धक्का खाने पर मजबूर कर देगा। अतः नारी मुक्ति संघ, कोल्हान प्रमंडल इन तीन कृषि कानूनों का कड़ा विरोध करता है व इन्हें रद्द करने के लिए चल रहे किसान आंदोलन का भरपूर समर्थन करता है।

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