Suicide case: बेल्डीह चर्च स्कूल में कर्मचारी की आत्महत्या की जांच की मांग, आजसू छात्र संघ ने किया प्रदर्शन

बेल्डीह चर्च स्कूल में कार्यरत इलेक्ट्रीशियन डेनियल जोसेफ मोहंती की आत्महत्या का मामला गरमाने लगा है। मोहंती ने स्कूल में ही आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन की प्रताडना से तंग आकर उसने आत्महत्या का रास्ता चुना।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 05:39 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 05:39 PM (IST)
Suicide case: बेल्डीह चर्च स्कूल में कर्मचारी की आत्महत्या की जांच की मांग, आजसू छात्र संघ ने किया प्रदर्शन
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते आजसू छात्र संघ के प्रतिनिधि।

 जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। बीते दिनों बेल्डीह चर्च स्कूल में कार्यरत इलेक्ट्रीशियन डेनियल जोसेफ मोहंती ने आत्महत्या कर ली थी। यह मामला अब गरमाने लगा है। आजसू छात्र संघ को यह जानकारी मिली तो मोहंती के परिवार से बात भी की गयी। तब मामला और भी स्प्ष्ट हो गया कि बेल्डीह चर्च स्कूल के सचिव एससी दास और स्कूल के प्राचार्य रंजीत कुमार के द्वारा डेनियल जोसेफ को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। उसको हमेशा छोटी-छोटी बात पर जलील किया जाता था और नौकरी से हटा देने की बात करके धमकाया जाता था।

इसी क्रम में आठ सितंबर 2021 को स्कूल के प्राचार्य ने उसे टर्मिनेट कर दिया। इस कारण उसने स्कूल में ही आत्महत्या कर ली। स्कूल के सचिव ओर प्राचार्य ने इस युवक को मरने पर मजबूर कर दिया । इन लोगों के कारण एक युवक ने अपना जीवन बर्बाद कर दिया। इस मामले को लेकर अखिल झारखंड छात्र संघ ( आजसू छात्र संघ ) का एक प्रतिनिधिमंडल जिला शिक्षा अधीक्षक से मिला तथा मामले की जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस प्रकरण में जो भी लोग शामिल हैं उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। विभाग से मृतक के मां की सहायता करने की अपील की गई जो कि खुद  कैंसर मरीज हैं। आजसू छात्र संघ सोमवार को इस मामले को लेकर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से मिलेगा तथा प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर अपनी बात रखेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ ताे मंगलवार को बेल्डीह चर्च स्कूल का घेराव किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में मुख्यरूप से संघ के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक, कोल्हान उपाध्यक्ष रंजन दास और राजेश महतो, कुदन यादव, जमशेदपुर प्रखंड अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, साहेब बागति और गोपाल लोहार उपस्थित थे। सबों ने कहा कि अगर ज्यादती नहीं की गयी होती तो माेहंती आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर नहीं होता। 

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