Banking Fraud Alert : अब बैंकिंग फ्रॉड से बचाएगा आपका बैंक, एक अक्टूबर से लागू हो रहा पेमेंट का नया तरीका
Banking Fraud जामतारा का नाम तो आपने सुना होगा। यह वही जगह है जहां के साइबर ठग आपके अकाउंट से पैसा उड़ाने के लिए कुख्यात हैं। अब ऐसे ठगों पर लगाम लगाने के लिए एक अक्टूबर से बैंक नियमों में बदलाव करने जा रहा है...
जमशेदपुर, जासं। अब कोई भी साइबर ठग आपका एकाउंट देखकर, पासवर्ड या चेक का क्लोन बनाकर आसानी से पैसा नहीं उड़ा सकेगा। आपको बैंकिंग फ्रॉड या धोखाधड़ी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरी तैयारी कर ली है। एक अक्टूबर से ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम (एडीपीएस) का तरीका बदलने जा रहा है। नए तरीके में बैंक के साथ-साथ पेटीएम, गूगल-पे, फोन-पे जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म को किस्त, ईएमआइ आदि बिल के पैसे काटने के पहले हर बार ग्राहक से अनुमति लेनी होगी।
पेमेंट या भुगतान से 24 घंटे पहले मिलेगी सूचना
रिजर्व बैंक द्वारा जारी नए नियम में बैंकों को भुगतान या पेमेंट की निर्धारित तारीख से पांच दिन पहले ग्राहक के मोबाइल पर सूचना देनी होगी। इसके बाद पेमेंट से 24 घंटे पहले रिमाइंडर भेजना होगा। रिमाइंडर में पेमेंट की तारीख और पेमेंट की राशि, किसे पैसा भेजा जा रहा है, आदि के बारे में बताया जाएगा। इसमें ऑप्ट आउट या पार्ट-पे का विकल्प भी होगा। बताया जा रहा है कि एक अक्टूबर से पेमेंट का यह तरीका लागू करने की तैयारी हो गई है। यही नहीं पांच हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान पर ओटीपी को अनिवार्य किया जाएगा।
बैंकिंग फ्रॉड से बचाना मूल उद्देश्य
हम पहले ही बता चुके हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यह कवायद बैंक ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड रोकने की दिशा में कदम है। ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा को देखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है। अभी जो व्यवस्था है, उसमें डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म या बैंक ग्राहक से एक बार अनुमति लेने के बाद हर महीने बिना किसी जानकारी या सूचना के बैंक ग्राहक के खाते से पैसा काट लेते हैं।
इसकी वजह से धोखाधड़ी होने की संभावना बनी रहती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए ही यह बदलाव किया जा रहा है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) या अन्य प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआइ) का उपयोग करने वाले रेकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए अतिरिक्त माध्यम से पुष्टि की जाएगी।
ऑटो डेबिट सिस्टम में ऐसे कट जाता पैसा
ऑटो डेबिट सिस्टम में मोबाइल एप या इंटरनेट बैंकिंग में बिजली, गैस, मोबाइल फोन, सैटेलाइट टीवी आदि के खर्च को ऑटो डेबिट मोड में डाला जाएगा। इसके माध्यम से निर्धारित तारीख को पैसा आपके खाते से अपने आप कट जाएगा। अगर ऑटो डेबिट का नियम लागू हो गया तो आपके बिल पेमेंट करने के तरीके पर असर पड़ेगा। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपका एक्टिव मोबाइल नंबर बैंक में अपडेट रहना अनिवार्य है। इसकी मुख्य वजह है कि बैंक आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही ऑटो डेबिट से जुड़ी सूचना या नोटिफिकेशन एसएमएस के माध्यम से भेजेगा।