Bank Unions agitation : निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, 15-16 मार्च को हडताल
Bank Unions agitation. बैंक यूनियन्स ने आगामी 15 व 16 मार्च को दो दिवसीय बैंक हड़ताल की घोषणा की है और इसके समर्थन में कई तरह के आयोजन कर प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों को देश की जनता तक पहुंचा रही है।
जमशेदपुर, जासं। बजट 2021 में केंद्र सरकार ने बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की है। इसके बाद से यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के नेतृत्व में देश भर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। बैंक यूनियन्स ने आगामी 15 व 16 मार्च को दो दिवसीय बैंक हड़ताल की घोषणा की है और इसके समर्थन में कई तरह के आयोजन कर प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों को देश की जनता तक पहुंचा रही है।
इसी क्रम में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स द्वारा गोलमुरी आकाशदीप प्लाजा के सामने प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध हुआ। बैंक यूनियन्स के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केवल अपने पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए बैंकों का निजीकरण कर रही है जबकि देश के विकास में सभी बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिर चाहे जन-धन खाते खोलवाना हो, नोटबंकी हो या फिर बैंक को बीमा से लिंक करना हो। बैंक कर्मचारियों ने हमेशा देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर महानगरों तक में अपनी निर्बाध सेवा दी है। देश के गरीब से गरीब नागरिक से लेकर बड़े-बड़े पूंजीपतियों तक का बैंक में खाता है। आज के दौर में सरकार को चाहिए था कि देश में बैंकिंग प्रणाली और उसकी सुविधाओं को मजबूत करें।
एनपीए के बहाने बैंकों का निजीकरण
कहा कि लाखो-करोड़ों रुपये जो एनपीए के कारण बड़े पूंजीपतियों के पास फंस गए हैं उसे वसूले और ऐसे पूंजीपतियों के लिए कड़े कानून बनाए। लेकिन सरकार एनपीए के बहाने बैंकों का निजीकरण कर रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए और हर बैंक कर्मचारियों को मुखरता से इसका विरोध करना चाहिए। प्रदर्शन के दौरान हीरा अरकने, रिंटू रजन, श्वेता, सुजीत, अनंत, आशीष सहित बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी उपस्थित थे।