इस पुस्‍तक में अजीबोगरीब जानकारी : पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने पर्वतारोही संतोष यादव से की शादी

पहली बात कि वर्ष 1956 में जन्मी बछेंद्री (बचेंद्री) पाल अब तक अविवाहित हैं। दूसरी सबसे बड़ी गलती लेखक ने की है कि उन्होंने संतोष यादव को पुरुष समझकर बछेंद्री पाल का पति बना दिया।

By Edited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 09:44 AM (IST)
इस पुस्‍तक में अजीबोगरीब जानकारी : पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने पर्वतारोही संतोष यादव से की शादी
इस पुस्‍तक में अजीबोगरीब जानकारी : पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने पर्वतारोही संतोष यादव से की शादी

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा।  माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली भारत की प्रथम महिला बछेंद्री पाल से शायद ही कोई अपरिचित होगा। उनके निजी या पारिवारिक जीवन के बारे में भले ही सब नहीं जानते हों, लेकिन किसी लेखक को इसकी जानकारी ना हो, मानने वाली बात नहीं हो सकती। लेकिन ऐसा हुआ है।

साकची स्थित रवींद्र भवन में चल रहे 35वें जमशेदपुर पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन की एक किताब बिक रही है 'अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति कोष'। इसके लेखक विश्वमित्र शर्मा हैं, जिन्होंने एक हजार से अधिक प्रमुख व्यक्तियों का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया है। पुस्तक के पृष्ठ संख्या 358 पर बछेंद्री पाल का परिचय दिया गया है। इसमें लिखा है कि 'बछेन्द्रीपाल का प्रमुख व्यवसाय तो अध्यापन रहा है और वे उत्तरकाशी में कॉलिज में लेक्चरर रही हैं, परन्तु उनकी मुख्य रुचि पर्वतारोहण में थी। एवरेस्ट शिवर पर (1984) पहुंचने वाली प्रथम महिला हैं। एवरेस्ट पर पहुंचने वाली विश्वभर की महिलाओं में वे पांचवीं हैं। इन्होंने दो बार एवरेस्ट अभियान में विजय प्राप्त की है। उनका विवाह हरियाणा के संतोष यादव नामक एक पुलिस अधिकारी से हुआ है।' इसकी अंतिम लाइन चौंकाने वाली है। पहली बात कि वर्ष 1956 में जन्मी बछेंद्री (बचेंद्री) पाल अब तक अविवाहित हैं। दूसरी सबसे बड़ी गलती लेखक ने की है कि उन्होंने संतोष यादव को पुरुष समझकर बछेंद्री पाल का पति बना दिया। संतोष यादव और बछेंद्री पाल में एक ही समानता है कि दोनों पर्वतारोही हैं।

प्रमुख व्‍यवसाय की जानकारी भी गलत

लेखक ने बछेंद्री पाल का प्रमुख व्यवसाय अध्यापन बताया है, यह भी गलत तथ्य है। वे एवरेस्ट फतह करने के बाद से गत वर्ष ही टाटा स्टील में खेल अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। अब वे उत्तरकाशी में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दे रही हैं। उन्होंने बीएड किया था, लेकिन किसी स्कूल में सम्मानजनक नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने उत्तरकाशी पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला ले लिया था। रही बात संतोष यादव की, तो उनका जन्म रेवाड़ी (हरियाणा) में जरूर हुआ, लेकिन उनकी ख्याति लगातार दो बार एवरेस्ट फतह करने वाली विश्व की प्रथम महिला के रूप में है। उन्होंने मई 1992 व मई 1993 में दूसरी बार एवरेस्ट फतह किया था। लेखक को शायद पता नहीं कि संतोष यादव का विवाह 1992 में ही उत्तम कुमार लाल से हो गया था।

दैनिक जागरण ने खींचा था ध्‍यान

आश्चर्य की बात है कि दैनिक जागरण ने गत वर्ष भी स्टॉल संचालक का ध्यान इस ओर दिलाया था। 18 नवंबर 2018 को इस आशय की खबर भी प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित हुई थी, इसके बावजूद लेखक या प्रकाशक ने इसमें सुधार नहीं किया। उससे भी बड़ी बात कि पिछली बार यह किताब सिर्फ राही प्रकाशन ने लाई थी, जबकि इस बार राही के अलावा पूजा बुक हाउस के स्टॉल में भी बिक रही है। चूंकि बछेंद्री पाल का जमशेदपुर से लंबे समय तक जुड़ाव रहा, इसलिए यहां के पाठकों को यह बात खटकती है। उससे भी बड़ी बात कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की हस्ती के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है। स्टॉल संचालक भी इससे अनभिज्ञ हैं कि उनके यहां गलत तथ्यों वाली किताब बिक रही है। बछेंद्री पाल तो बानगी है। यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीन सौ रुपये मूल्य वाली इस किताब में अन्य हस्तियों के बारे में कैसे-कैसे तथ्य होंगे।

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