B.ED कॉलेजों पर मंडराया बंदी का खतरा, पूरी करनी होगी नई शिक्षा नीति की शर्तें

B.ED Courses. बीएड कॉलेजों पर बंदी का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होते ही निजी बीएड कालेज को नया स्वरूप देना होगा। यानि इन कालेजों में भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई प्रारंभ करनी होगी या कोई नया रास्ता अपनाना होगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:59 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 01:09 PM (IST)
B.ED कॉलेजों पर मंडराया बंदी का खतरा, पूरी करनी होगी नई शिक्षा नीति की शर्तें
एबीएम कालेज गोलमुरी की प्रिंसिपल डा. मुदिता चंद्रा।

जमशेदपुर, जासं।  लोयोला बीएड कालेज टेल्को के बंद होने की आशंका को देखते हुए अब यह बहस प्रारंभ हो गई है कि बीएड कालेज निकट भविष्य में बंद हो सकते हैं। दरअसल, नई शिक्षा नीति में ग्रेजुएशन के साथ बीएड तथा पीजी के साथ एमएड का इंटीग्रेटेट कोर्स करने का प्रावधान है।

नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होते ही निजी बीएड कालेज को नया स्वरूप देना होगा। यानि इन कालेजों में भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई प्रारंभ करनी होगी या कोई नया रास्ता अपनाना होगा। पूर्वी सिंहभूम के दो बीएड कालेज ने इस संबंध में ग्रेजुएशन कोर्स प्रारंभ करने के लिए अनुमति मांगी है। इसमें से एक रंभा कालेज हाता तथा दूसरा सिदगोड़ा का रामकृष्ण मिशन। इन दोनों संस्थाओं द्वारा बीएड कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय ने इन कालेजों में ग्रेजुएशन कोर्स प्रारंभ करने की अनुशंसा भी कर दी है।

कोर्स में भी करना होगा बदलाव

इंटीग्रेटेट कोर्स के संबंध में जानकारी देते हुए एबीएम कालेज की प्रिंसिपल डा. मुदिता चंद्रा ने कहा कि अब कोई भी संस्थान किसी एक कोर्स के लिए नहीं खोला जा सकता है। उन्हें अब मल्टीपरपस कोर्स चलाने होंगे। नई शिक्षा नीति में ऐसे कई प्रावधान है। बीएड कोर्स ग्रेजुएशन लेवल तथा एमएड कोर्स पीजी लेवल में समाहित कर दिया गया है। इसमें छात्रों के एक साल की बचत भी होगी। डा. मुदिता ने कहा कि नई शिक्षा नीति पूरी तरह रोजगारपरक है। स्कूल व कॉलेज से पासआउट होते ही आपके पास रोजगार के कई रास्ते सामने होंगे। यह आज के समय की शिक्षा की मांग है। उम्मीद है यह जून माह से लागू हो जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालयों अपने-अपने कोर्स में भी बदलाव करना होगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी को ढालना होगा।

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