Andhra association Kadma : सात मार्च को नहीं होगी आंध्र एसोसिएशन की एजीएम, कमेटी ने की घोषणा
Andhra association Kadma. आंध्र एसोसिएशन कदमा में ट्रस्टियों द्वारा प्रस्तावित सात मार्च की एजीएम अब नहीं होगी। धालभूम एसडीओ से वर्तमान कमेटी का प्रतिनिधिमंडल मिला। इसके बाद एसोसिएशन की वर्तमान कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इसमें सहमति बनी।
जमशेदपुर, जासं। आंध्र एसोसिएशन कदमा में ट्रस्टियों द्वारा प्रस्तावित सात मार्च की एजीएम अब नहीं होगी। धालभूम एसडीओ से वर्तमान कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। इसके बाद एसोसएिशन की वर्तमान कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चूंकि एजीएम कराने के लिए पूर्व महासचिव ओएसपी राव को कोई आदेश नहीं दिया है, इस कारण ट्रस्टियों द्वारा बुलाई गई एजीएम अवैध है। कोई एजीएम सात मार्च को नहीं होगी।
इस संबंध में एसोसिएशन के सभी सदस्यों को सूचित भी किया जाएगा। इस बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए अध्यक्ष पीवीटी राव तथा महासचिव ए भास्कर राव ने बताया कि तीनों ट्रस्टी टी आदिनारायणा राव, के वेणु गोपाल राव, एम भास्कर राव एवं पूर्व महासचिव ओएसपी राव वर्ष 2019 में चुनी गई कमेटी का अधिकार छीनना चाहते हैं। वे लोग मनमाने ढंग से कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं इस कारण इस तरह की बचकाना हरकत कर रहे हैं। कहा कि जब सदस्यों ने नई कमेटी को चुना है तो उन्हें अपना कार्य करने देना चाहिए। उनके पास भी मौका तीन साल बाद आएगा। वर्तमान कमेटी ने ट्रस्टियों द्वारा बुलाई गई आमसभा को असंवैधानिक करार दिया। वर्तमान कमेटी की ओर से कोई आमसभा नहीं बुलाई गई है। ट्रस्टियों द्वारा संस्था में तालाबंदी कर संस्था की साख को धूमिल कर दिया गया। बैंक में गलत ढंग से लिखित आदेश देकर बैंक खाते के ट्रांजेक्शन रोक लगा दी, जिसमें वे हस्ताक्षरी भी नहीं थे। ट्रस्टियों व पूर्व महासचिव की मनमानी पर वर्तमान कमेटी के पदाधिकारियों ने रोक लगा रखी है। इस कारण वे नई कमेटी के पदाधिकारियों के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं।
एजीएम बुलाने का हक सिर्फ महासचिव को
आंध्र एसोसिएशन कदमा के वर्तमान के अध्यक्ष पीवीटी राव, महासचिव ए भास्कर राव ने कहा कि आंध्र एसोसिएशन के संविधान की नियमावली में ट्रस्टियों को कोई भी अधिकार प्रदत्त नहीं किया गया है। इसका निर्णय पूर्व एडीसी अपने आदेश में दे चुके हैं। कहा कि आमसभा बुलाने का अधिकार सिर्फ महासचिव को है जो कार्यकारिणी समिति के विचार-विमर्श एवं निर्णय के बाद होता है। ट्रस्टियों को चुनी गई कमेटी को भंग करने का अधिकार भी नहीं है।