Amit shah एवं नरसिंहानंद में हो गई गफलत, पढिए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर

Jharkhand News. इन दिनों गाजियाबाद के महंत नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। वे अक्सर बयानों से विवाद में आ जाते हैं। बहरहाल यहां बात हो रही है गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नरसिंहानंद के चेहरे को लेकर।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:01 PM (IST)
Amit shah एवं नरसिंहानंद में हो गई गफलत, पढिए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर
वह पोस्टर अमित शाह नहीं, विवादित बाबा नरसिंहानंद का था।

जमशेदपुर, वीरेंद्र आेझाा। Siyasi Adda इन दिनों गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) स्थित डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। वे अक्सर बयानों से विवाद में आ जाते हैं। बहरहाल, यहां बात हो रही है, गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नरसिंहानंद के चेहरे को लेकर।

तीन दिन पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने नरसिंहानंद के पोस्टर लगाकर अपशब्द लिखे और पुतला जलाया। यह सब भाजपा के एक कार्यकर्ता ने देखा तो उसका खून खौल गया। उसने यह बात भाजपा के जिलाध्यक्ष गुंजन यादव को बताई, तो वह 15-20 कार्यकर्ताओं के साथ साकची थाना पहुंच गए। उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के दिल को गहरी ठेस पहुंचाई है। थानेदार ने भी जांच व गिरफ्तारी का भरोसा दिया। बाद में पता चला कि वह पोस्टर अमित शाह नहीं, विवादित बाबा नरसिंहानंद का था।

प्रचार करते-करते टीका खत्म हो गया

विधायक सरयू राय ने अपनी पार्टी भारतीय जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं को एक साल तक का काम दे दिया है। उन्होंने मंडल और बूथ स्तर पर लोगों के बीच जाने और उनकी समस्याओं को जानकर समाधान तक दिलाने की बात कही है। इसी बीच सरयू राय ने ऐलान किया कि उनके कार्यकर्ता घर-घर जाकर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लेने के लिए प्रेरित करेंगे। बाकायदा जमशेदपुर पूर्वी के टीकाकरण केंद्रों की सूची भी जारी हुई, तो जागरुकता रथ भी निकला। अभी यह रथ बिरसानगर, बारीडीह आदि में घूम ही रहा था कि जमशेदपुर के सरकारी टीकाकरण केंद्रों में टीका ही खत्म हो गया। बेचारे कार्यकर्ता क्या करें, होनी पर किसी का वश नहीं चलता है। शुक्रवार को टीका आया तो लोग खुद ब खुद उमड़ रहे हैं। दो-तीन दिन में लोग इतने जागरूक हो गए कि कोराना वैक्सीन ही कम पड़ गया।

 बंगाल चुनाव ने बढ़ाया भाजपा नेताओं का कद

बंगाल में विधानसभा चुनाव हुआ, तो जमशेदपुर के भाजपा नेताओं को भी कद बढ़ाने का मौका मिल गया। बेरोजगार चल रहे जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार को इंदस विधानसभा का चुनाव प्रभारी बना दिया गया। पदभार मिलते ही इन्होंने इंदस में डेरा डाल दिया, जी-तोड़ मेहनत की। इसका फल भी मिला। 30 मार्च को बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के साथ रोड शो में फोटो खिंचाने का अवसर मिला। हालांकि बंगाल चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कम मेहनत नहीं की, लेकिन जो फायदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी को मिला, वैसा सौभाग्य किसी-किसी को ही मिलता है। बंगाल के नदिया जिला के कृष्णनगर में शनिवार को आयोजित जनसभा में डा. गोस्वामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंचासीन होने का अवसर मिला। इस जनसभा में दो लाख से अधिक की भीड़ थी। यह कम बड़ी बात नहीं है।

झामुमो-कांग्रेस के कार्यकर्ता फिर हो गए बेरोजगार

झारखंड की सत्ता पर काबिज होते ही झामुमो और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने रोजगार का संकट आ गया था। लॉकडाउन में भी कुछ बांटने का अवसर नहीं मिला। बन्ना गुप्ता वाली कांग्रेस के कार्यकर्ता ताबड़तोड़ राशन बांट रहे थे, लेकिन बाकियों के जिम्मे कोई काम नहीं था। बीच में किसान आंदोलन हुआ, तो कांग्रेस व झामुमो के कार्यकर्ताओं को खूब छपने-छपाने का अवसर मिला। कांग्रेस कुछ ज्यादा ही सक्रिय थी। बिष्टुपुर जैसे पॉश इलाके में भी बिजय खां ने ट्रैक्टर चलाकर दिखा दिया। रांची और गोड्डा के किसान आंदोलन में सैकड़ों कांग्रेसी भर-भरकर पहुंचे। हजारीबाग से लौटने के बाद आंदोलन का समापन क्या हो गया, कांग्रेस कार्यकर्ता एक बार फिर से बेरोजगार हो गए। अब तो यह भी पता नहीं चल रहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ता कहां रह रहे हैं। वैसे बिजय खां कुछ दिन पहले संक्रमित हो गए थे, लिहाजा घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

chat bot
आपका साथी