जमशेदपुर के अप्रतिम ने बनाई अमेरिका की पर्यावरण नीति, बाइडेन सरकार इस मद में खर्च करेगी 4100 बिलियन डॉलर

जमशेदपुर स्थित लोयोला स्कूल के पूर्व छात्र अप्रतिम सहाय ने अमेरिका की पर्यावरण नीति बनाई है। यह प्रस्ताव सीनेट से पारित भी हो गया है जबकि लोअर हाउस से पारित होना बाकी है। अप्रतिम के मुताबिक बाइडेन सरकार इस पर 4100 बिलियन डॉलर खर्च करेगी।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 12:21 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 03:45 PM (IST)
जमशेदपुर के अप्रतिम ने बनाई अमेरिका की पर्यावरण नीति, बाइडेन सरकार इस मद में खर्च करेगी 4100 बिलियन डॉलर
सीएच एरिया स्थित अपने आवास पर दैनिक जागरण से बात करते अप्रतिम

जमशेदपुर (वीरेंद्र ओझा)। जमशेदपुर स्थित लोयोला स्कूल के पूर्व छात्र अप्रतिम सहाय ने अमेरिका की पर्यावरण नीति बनाई है। यह प्रस्ताव सीनेट से पारित भी हो गया है, जबकि लोअर हाउस से पारित होना बाकी है। अप्रतिम के मुताबिक बाइडेन सरकार इस पर 4100 बिलियन डॉलर खर्च करेगी। इससे पहले ओबामा सरकार ने 2009 में 800 बिलियन डॉलर खर्च किया था। यह नीति द ग्रीन न्यू डील नेटवर्क नामक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) ने बनाई है, जिसमें 15 एनजीओ जुड़े हैं। इसमें सियेरा क्लब तो 130 वर्ष पुरानी है।

    बहरहाल, पर्यावरण नीति मुख्य रूप से प्रदूषण फैलाने वाले स्रोत पर काम करेगी, तो इसके साथ ही इसकी वजह से प्रभावित होने वाले गरीब लोगों का जीवन स्तर उठाने पर। अप्रतिम बताते हैं कि हमारे अध्ययन के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रदूषण कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्र से फैलता है, तो इसके बाद ऑटोमोबाइल, चिमनी-भट्ठी वाले अन्य उद्योग और अंत में कृषि प्रसंस्करण की वजह से। नीति यही है कि कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों को जल व पवन ऊर्जा से संचालित किया जाए। पेट्रोल-डीजल या सीएनजी से चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में परिवर्तित किया जाए। अन्य उद्योगों व कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत (एलपीजी) का उपयोग किया जाए। जब हम प्रदूषण फैलाने वाले इन कारणों को नियंत्रित कर लेंगे, तो प्रकृति खुद ब खुद सुंदर हो जाएगी। वैसे इस दिशा में अमेरिका पहले से काम कर रहा है। 1971 तक अमेरिका दुनिया के सबसे प्रदूषित देश था, लेकिन इन्हीं प्रयासों की बदौलत आज यहां की आबोहवा काफी बदल चुकी है।

    आमतौर पर प्रदूषण का नाम लेने पर वायु और जल की बात होती है, जबकि इसका फलक व्यापक है। अमेरिका में यह बिल इंफ्रास्ट्रक्चर बिल के नाम से आया है। हम इसमें कंपनियों को ऊर्जा स्रोत बदलने के लिए प्रेरित करेंगे, जबकि वाहन मालिकों को चौथाई राशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी, जबकि शेष राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। अमेरिका ने 2035 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा है। 34 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका में 25 करोड़ वाहन हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट्रोल-डीजल से कितना प्रदूषण फैलता होगा।

अप्रतिम 2004 में गए थे अमेरिका

जमशेदपुर के पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त अविनाश किशोर सहाय के पुत्र अप्रतिम ने 2004 में लोयोला से प्लस टू करने के बाद पूर्ण छात्रवृत्ति योजना के तहत भौतिकी की पढ़ाई के लिए शिकागो यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। वहीं मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, बोस्टन से भौतिकी में पीएचडी की। इसके बाद चार वर्ष तक बोस्टन में एनवायर्नमेंट कंसल्टेंट के रूप में काम किया। जनवरी में ग्रीन न्यू डील नेटवर्क नामक स्वयंसेवी संस्था से जुड़े, जो बाइडेन सरकार काे पर्यावरण नीति बनाने और लागू करने के लिए परामर्श दे रही है।

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