Alzheimer Disease: भूलने की बीमारी है अल्जाइमर, इसे रोक सकते हैं सही खान-पान से; बता रही जमशेदपुर की डायटीशियन अनु सिन्हा
Alzheimer Disease अल्जाइमर रोग में यह होता है कि यादाश्त कमजोर हाेने लगती है। यह खास उम्र में होता है। इससे बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए एवं क्या परहेज करना चाहिए बात रहीं जमशेदपुर की प्रसिद्ध डायटीशियन अनु सिन्हा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । अल्जाइमर भूलने का रोग है। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल है। इस बीमारी से हमारा दिमाग संकुचित होने लगता है। जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायटीशियन अनु सिन्हा कहती हैं कि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति रोजाना की बातचीत व घटनाओं को भूलने लगता है। इस बीमारी के बढ़ने से व्यक्ति पहचानना, बात करने आदि की क्षमता में कमी होने लगती है।
वे अपने घर पर करनेवाले दैनिक कार्यों को भी नहीं कर पाते हैं। डायटीशियन अनु सिन्हा कहती हैं कि अल्जाइमर होने के बाद यह जल्दी ठीक नहीं होता है। इसे न तो खत्म ही किया जा सकता है और न पूरी तरह से इसे रोका ही जा सकता है। अल्जाइमर रोग होने का एक बड़ा कारण है सिर में चोट लगना। इसके साथ ही रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली भी एक बड़ा कारण है। अमूमन 60 साल की उम्र के आसपास होनेवाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है। डायटीशियन अनु सिन्हा कहती हैं कि हालांकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जांच और इजाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। मस्तिष्क के स्नायुओं के क्षरण से रोगियों की बौद्धिक क्षमता और व्यवहारिक लक्षणों पर भी असर पड़ता है। इस बीमारी की पहचान है कि जैसे-जैसे बूढ़े होते जाते हैं, हमारी सोचने और याद करने की क्षमता भी कमजोर होती जाती है। यह इस बात का संकेत है कि हमारे दिमाग की कोशिकाएं मर रही हैं।
खाने में इस चीज का प्रयोग कर रोक सकते हैं अल्जाइमर
अल्जाइमर रोग में यह नहीं खाना चाहिए
जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायटीशियन अनु सिन्हा।