Success Story : प्रगतिशील किसान अजय हेम्ब्रम की सफलता की कहानी, बीएससी तक पढ़े अजय दूसरे किसानों को दिखा रहे राह

Success Story ये कहानी उन लोगों के लिए है तो सफलता की उंची उडान भरना चाहते हैं। अभाव हो सकता है। आर्थिक या कुछ अन्य। लेकिन आपके पास इच्छाशक्ति हो तो आप सपफलता के धरातल पर उतर सकते हैं। ये रही पूरी जानकारी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 01:07 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 01:07 PM (IST)
Success Story : प्रगतिशील किसान अजय हेम्ब्रम की सफलता की कहानी, बीएससी तक पढ़े अजय दूसरे किसानों को दिखा रहे राह
अजय हेम्ब्रम की पुश्तैनी जमीन लगभग आठ एकड़ है।

जमशेदपुर, जासं। गोलमुरी सह जुगसलाई प्रखंड अंतर्गत लुआवासा पंचायत के खैरबनी के रहने वाले अजय हेम्ब्रम ने बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती-किसानी को रोजगार का साधन चुना, जिसमें आज वे काफी सफल हैं। अजय बताते हैं कि बीएससी की पढ़ाई के बाद उन्होने कुछ समय रोजगार को लेकर प्रयास किया, लेकिन रोजगार करना ज्यादा रुचिकर नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने सारा ध्यान खेती-किसानी में ही लगाने का निश्चय किया। पढ़ा-लिखा होने पर खेती-किसानी का पेशा चुनना उनके लिए चुनौती से कम नहीं था। इसके बावजूद परिवार व रिश्तेदारों को खेती करने की अपनी योजना से उन्होने प्रभावित तो किया ही, दूसरे किसानों को भी नई राह दिखा रहे हैं।

आत्मा ने रास्ता बनाया आसान

अजय हेम्ब्रम की पुश्तैनी जमीन लगभग आठ एकड़ है। वर्षों से सिर्फ खरीफ मौसम में उनके परिवारवाले धान की खेती किया करते थे, जिससे खाने-पीने की समस्या तो नहीं रहती थी, लेकिन अतिरिक्त आय के लिए उन्हें दूसरे स्रोत पर ध्यान देना पड़ता था। आत्मा की उप परियोजना निदेशक गीता कुमारी बतातीं हैं कि अजय हेम्ब्रम पिछले पांच वर्षों से आत्मा से जुड़े हैं। आत्मा के प्रसार कर्मी द्वारा उन्हें आत्मा द्वारा संचालित विभिन्न कृषक गतिविधि जैसे प्रशिक्षण, परिभ्रमण, गोष्ठी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके साथ ही धान के साथ-साथ रबी एवं गरमा में दलहन, तिलहन एवं साग-सब्जी की खेती करने का सुझाव दिया। आत्मा ने अजय को खेती में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।

सब्जी की खेती से किया 1.5 लाख रूपए से ज्यादा की आमदनी

अजय कहते हैं कि आत्मा के प्रसार कर्मी द्वारा समय-समय पर तकनीकी जानकारी एवं मार्गदर्शन मिलने से प्रोत्साहित होकर उन्होने लगभग तीन एकड़ जमीन में गोभी, टमाटर, बैंगन, बीन्स, सरसों, चना व गेहूं का उन्नत तकनीक से खेती करना शुरू किया। सब्जी की खेती से उन्हें अच्छा लाभ भी हुआ। विगत वर्ष अजय हेम्ब्रम को 1,50,000 रुपये से ज्यादा की आमदनी सब्जी उत्पादन से हुई, जिससे वे परिवार के लिए अतिरिक्त आमदनी की समस्या को दूर करने में काफी सफल हुए हैं। अजय अपने खेतों में उत्पादित सब्जी को सुंदरनगर, नरवा, गोविंदपुर, करनडीह में लगने वाले सप्ताहिक हाट में बेचतें हैं। इसके साथ ही जमशेदपुर शहर के हाट-बाजारों के व्यापारी भी उनके यहां सब्जी खरीदने पहुंचते हैं।

सभी किसान उठा सकते योजना का लाभ

अजय हेम्ब्रम कहते हैं किसानों के लिए सरकार कई योजनायें चला रही है। जरूरत है जागरूकता दिखाते हुए उसका लाभ उठाएं। कृषि विभाग के पदाधिकारी व प्रसार कर्मी क्षेत्र में आते हैं तो उनसे संपर्क में रहें। उन्होने बताया कि योजनाओं का लाभ दिलाने के अलावा भी किसानों के लिए प्रशिक्षण, परिभ्रमण, गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें सम्मिलित होकर उन्नीत तरीके से खेती करने का गुर सीख सकते हैं।

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