Air India Sale : एयर इंडिया की बिक्री के साथ अब एयरपोर्ट की कमाई इस तरह हो जाएगी दोगुनी

Air India Sale हाल ही में टाटा समूह ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को 18000 करोड़ रुपए में खरीदकर इसे संजीवनी प्रदान की। विमानन उद्योग के जानकारों का कहना है कि अब एयरपोर्ट की कमाई दोगुनी हो जाएगी इससे विमानन कंपनियों को भी फायदा होगा...

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:15 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:15 AM (IST)
Air India Sale : एयर इंडिया की बिक्री के साथ अब एयरपोर्ट की कमाई इस तरह हो जाएगी दोगुनी
Air India Sale : एयर इंडिया की बिक्री के साथ अब एयरपोर्ट की कमाई इस तरह हो जाएगी दोगुनी

जमशेदपुर : विमानन उद्योग के क्षेत्र में एयर इंडिया का निजीकरण कई अर्थो से भरा हुआ है। विशेषज्ञों की माने तो टाटा को एयर इंडिया मिलने से देश के एयरपोर्ट को अधिक राजस्व अर्जित करने का मौका मिलेगा।

टाटा समूह पहले से कर रहे हैं दो विमानन सेवा का संचालन

एयर इंडिया के अधिग्रहण से पहले टाटा समूह विस्तारा और एयर एशिया का संचालन कर रही है। एयर इंडिया और उसकी सहायक एयर एक्सप्रेस के अधिग्रहण के साथ टाटा समूह इंडिगो के बाद देश का दूसरी सबसे बड़ी विमानन सेवा कंपनी बन गई है। घरेलू बाजार में इंडिगो के पास 57 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एयर इंडिया को होगा फायदा

हवाई अड्डों के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीएस नायर का मानना है कि टाटा के पास पहले से दो विमानन सेवा कंपनी है। इससे टाटा समूह को पूरे देश में अपनी सेवा का विस्तार करने में मदद तो मिलेगी ही। साथ ही टाटा समूह अपने पूर्ण नियंत्रण वाली कंपनियों की मदद से घरेलू उड़ानों के किराया को कम कर नए कस्टमर को अपने साथ जोड़ सकती है। इसका फायदा निकट भविष्य में ही टाटा समूह को दिखने लगेगा।

हवाई अड्डों को मिलेगा अतिरिक्त राजस्व

दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार का मानना है कि टाटा समूह के एयर इंडिया के अधिग्रहण से कंपनी के लिए पूर्ण-सेवा वाहक (एफएससी) बाजार हिस्सेदारी में सुधार हो सकता है और हवाई अड्डों पर अतिरिक्त राजस्व क्षमता हो सकती है। एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट जो विमानों के रख-रखाव व मरम्मती का काम करती है। घरेलू उड़ानों की संख्या बढ़ने से उनके राजस्व में इजाफा होना तय माना जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा भी उन्हीं कंपनियों को होता है जिसके पास सबसे ज्यादा विमान और सबसे ज्यादा शहरों को जोड़ने वाली विमान सेवा है।

गैर वैमानिक राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी

कई बार यात्रियों को अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यात्री एयरपोर्ट में बने शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट सहित अन्य दूसरी सेवाओं का लाभ उठाते हैं। इस मामले में दुबई के एयरपोर्ट गैर वैमानिक आय के मामले में पहले नंबर पर आते हैं। जहां यात्री अपने कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं। इसके बाद एयरपोर्ट ऑथिरिटी को विमान पार्किंग के संचालन से वैमानिक राजस्व अर्जित करता है जबकि गैर एयरो राजस्व में दुकान, लाउंज और कार पार्किंग से प्राप्त आय आते हैं। ऐसे में दिल्ली जैसे अति व्यस्ततम एयरपोर्ट में इस तरह के राजस्व में और बढ़ोतरी से इंकार नहीं किया जा सकता है।

मेट्रो और टियर-2 शहरों तक होगी पहुंच

विशेषज्ञों की माने तो एयर इंडिया अपने विमानन सेवा के क्षेत्र में विस्तार करेगी। जिसकी मदद से मेट्रो शहरों में विमान सेवा की संख्या में बढ़ोतरी तो होगी ही। साथ ही कंपनी टियर-2 स्तर के शहरों तक भी विमानन सेवा शुरू करने की पहल करेगी। इससे कंपनी को एयरो राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

जमशेदपुर में भी विमान सेवा शुरू होने की उम्मीद

एयर इंडिया के अधिग्रहण के साथ ही टाटा की नगरी जमशेदपुर के लोगों को उम्मीद है कि टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा उन्हें निराश नहीं करेंगे। यहां के स्थानीय निवासी लंबे समय से घरेलू विमान सेवा की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है।

हालांकि जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील का निजी एयरपोर्ट से कई बार कई कंपनियों ने टाटा से कोलकाता के लिए उड़ान सेवा शुरू की लेकिन उसका लाभ कंपनियों को नहीं मिला और इस सेवा को बंद करना पड़ा। हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने जमशेदपुर को दूसरे शहरों से जोड़ने की घोषणा की थी लेकिन एयरपोर्ट छोटा होने के कारण मामला खटाई में पड़ गया। हालांकि अब केंद्र व राज्य सरकार धालभूमगढ़ में फिर से एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में पहल कर रही है।

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