Air India Sale : एयर इंडिया का कर्ज चुकाने को सरकार बेचेगी 30,000 करोड़ रुपये का बांड

Air India Sale 18000 करोड़ रुपए में टाटा के हाथों एयर इंडिया को बेचने के बावजूद केंद्र सरकार की मुश्किलें कम नहीं हुई है। अभी भी एयर इंटिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड के ऊपर 30 000 रुपए का कर्ज है। सरकार अब इससे भी छुटकारा पाना चाहती है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:15 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:15 AM (IST)
Air India Sale : एयर इंडिया का कर्ज चुकाने को सरकार बेचेगी 30,000 करोड़ रुपये का बांड
एयर इंडिया का कर्ज चुकाने को सरकार बेचेगी 30,000 करोड़ रुपये का बांड

जमशेदपुर, जासं। एयर इंडिया का कर्ज चुकाने के लिए केंद्र सरकार बांड के जरिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने पर विचार कर रही है।

एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड (एआइएएचएल), जिसका गठन एयरलाइन के लगभग 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज और 17,000 करोड़ रुपये की संपत्ति संभालने के लिए किया गया है। बताया जाता है कि बिक्री के माध्यम से संपत्ति और कमाई के मुद्रीकरण से एयर इंडिया के ऋण के एक बड़े हिस्से को चुकाने में मदद मिलेगी। सरकार को अभी भी 30,000 करोड़ से अधिक का भुगतान करना होगा और इसे बांड के माध्यम से किया जाएगा। एयर इंडिया के शेष ऋण चुकाने के लिए सरकार का यह कदम बहुत जल्द उठाया जाएगा।

मुंबईमें  एयर इंडिया की बिल्डिंग।

बैंक, तेल कंपनियां और अन्य इकाइयों के जारी हो सकते बांड

एआइएएचएल के पास पहले से ही एयर इंडिया का लगभग 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपे जाने से पहले लगभग 45,000 करोड़ रुपये इसमें स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। ऋण में गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के लगभग 7,400 करोड़ रुपये शामिल हैं।

एक विश्लेषक का कहना है कि संपत्ति की बिक्री से होने वाली आमदनी और टाटा समूह द्वारा देनदारी का लगभग 35,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। बाकी का भुगतान बांड इश्यू के माध्यम से किया जाएगा, जिसकी गारंटी सरकार लेगी। एयरलाइन के लिए टाटा समूह की 18,000 करोड़ की पेशकश में 2,700 करोड़ रुपये नकद और 15,300 करोड़ रुपये के ऋण शामिल हैं।

दिल्ली स्थित एयर इंडिया का हेडक्वार्टर।   

तेल कंपनियों व हवाई अड्डा संचालकों को भी किया जाएगा भुगतान

इस सौदे में एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और इसकी कम किराया इकाई, एयर इंडिया एक्सप्रेस, साथ ही ग्राउंड-हैंडलिंग फर्म एआइएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। सरकार संपत्ति की बिक्री और बांड जारी करके, बैंकों से ऋण भुगतान करने की योजना बना रही है, मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, जिन्होंने सरकारी गारंटी पर धन उधार दिया था। सरकार तेल कंपनियों, हवाईअड्डा संचालकों और अन्य वेंडरों का बकाया भी चुकाएगी, जिसकी राशि लगभग 15,000 करोड़ रुपये है।

सरकार टाटा समूह को आशय पत्र जारी करने की योजना बना रही है, जिससे एयरलाइन को सॉल्ट-टू-सॉफ्टवेयर समूह में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बिक्री के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से, पर्याप्त स्वामित्व और प्रभावी नियंत्रण खंड (यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वामित्व भारतीय है) के तहत मंजूरी, भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के साथ-साथ एयर इंडिया के ऋणदाताओं से कई अनुमोदन की आवश्यकता है।

विमान पट्टा भी अहम

बताया जाता है कि एयर इंडिया के अधिग्रहण मामले में विमान पट्टा भी अहम है। विमान पट्टेदारों से मंजूरी आवश्यक है, क्योंकि मौजूदा विमान सभी सरकारी गारंटी के माध्यम से पट्टे पर हैं। यह मंजूरी सबसे मुश्किल होगी, क्योंकि पट्टेदारों को निजी कंपनी को पट्टे पर देने के बजाय सरकारी गारंटी के साथ विमानों को पट्टे पर देने में अधिक आराम मिल सकता है।

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