एसडीओ के आदेश के बाद आंध्र भक्त वाणी मंडली रामनवमी पूजा ट्यूब कॉलोनी के क्वार्टर में हुई शिफ्ट

Jamshedpur News. धालभूम एसडीओ के आदेश के बाद बारीडीह चौक में हो रही आंध्र भक्त वाणी मंडली रामनवमी की पूजा पहली बार ट्यूब कॉलोनी के एल-20 क्वार्टर में शिफ्ट कर दी गई। एसडीओ की ओर से सामान्य पंडाल बनाकर बारीडीह चौक में रामनवमी उत्सव सह पूजा अनुमति नहीं दी गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 02:07 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 02:07 PM (IST)
एसडीओ के आदेश के बाद आंध्र भक्त वाणी मंडली रामनवमी पूजा ट्यूब कॉलोनी के क्वार्टर में हुई शिफ्ट
एसडीओ की ओर से सामान्य पंडाल बनाकर बारीडीह चौक में रामनवमी उत्सव सह पूजा अनुमति नहीं दी गई।

जमशेदपुर, जासं। धालभूम एसडीओ के आदेश के बाद बारीडीह चौक में हो रही आंध्र भक्त वाणी मंडली रामनवमी की पूजा पहली बार ट्यूब कॉलोनी के एल-20 क्वार्टर में शिफ्ट कर दी गई। एसडीओ की ओर से सामान्य पंडाल बनाकर बारीडीह चौक में रामनवमी उत्सव सह पूजा अनुमति नहीं दी गई। उसके बाद इसे क्वार्टर में शिफ्ट कर दिया गया।

गुरुवार से यहां पूजा अर्चना हो रही है। शुक्रवार को पंडित गौरेया शास्त्री ने सुबह 10:30 बजे से 11:15 बजे तक सहस्त्रनामा पूजा आयोजित करवाई। इस पूजा में यजमान के रूप में डाॅक्टर कुमुदिनी बैठी थी। उन्होंने दक्षिण भारतीय विधि विधान के अनुसार पूजा -अर्चना की। शाम को यहां सीता-राम कल्याणम भी विधिवत पूजा -अर्चना कर होगा। पूजा -अर्चना कमेटी के चार ही सदस्य शामिल हुए। इससे पूर्व यह उत्सव बुधवार से बारीडीह चौक में प्रारंभ हुआ था। गणेश पूजा का साथ कलश स्थापना और प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व हनुमानजी की पूजा अर्चना दक्षिण भारतीय रीति रिवाज के अनुसार आयोजित हुई। यजमान का रूप में अब्बुरू शभद्र राव पत्नी सुजाता के साथ उपस्थित थे।

इन्होंने आयोजन में किया सहयोग

इस पूजन कार्यक्रम को संपन्न कराने में अध्यक्ष नागेश गोखले, महासचिव के उमा महेश, कोषाध्यक्ष नागेश्वर राव, सहायक सचिव तेज प्रकाश एवं अमर राजा ने सहयोग किया। मालूम हो कि यहां पंडाल बनाकर पूजा अर्चना पूरे राम दरबार की एक साथ होती है। इस बार कोविड के कारण मात्र तीन फीट की प्रतिमा बनाई गई। सिर्फ विधि विधान से इस उत्सव का पालन किया जा रहा था, लेकिन एसडीओ द्वारा आदेश नहीं दिए जाने के कारण इस पांच दिवसीय पूजनोत्सव को क्वार्टर में शिफ्ट किया गया। वहां भी भक्तों का प्रवेश निषेध है।

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