टाटा और अंबानी के बाद अब किर्लोस्कर बंधुओं का मामला पहुंचा कोर्ट, 130 साल पुरानी है कंपनी

रतन टाटा का साइरस मिस्त्री से विवाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी व अनिल अंबानी के बीच झगड़ा किसी से छुपा नहीं है। अब इसी कड़ी में किर्लोस्कर बंधु के रूप में नया नाम जुड़ गया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:00 AM (IST)
टाटा और अंबानी के बाद अब किर्लोस्कर बंधुओं का मामला पहुंचा कोर्ट, 130 साल पुरानी है कंपनी
टाटा और अंबानी के बाद अब किर्लोस्कर बंधुओं का मामला पहुंचा कोर्ट

जमशेदपुर : टाटा समूह में रतन टाटा और शापूरजी पालोनजी के सीईओ सायरस मिस्त्री ने कॉरपोरेट जगत में काफी सुर्खियां बटोरी। इसी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुकेश अंबानी और उनके छोटे भाई मुकेश अंबानी का विवाद भी कोर्ट तक पहुंचा। लेकिन इन कंपनियों के अलावा एक और कॉरपोरेट कंपनी में भाइयों के बीच विवाद का मामला कोर्ट तक पहुंचा है जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।

किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड में है भाइयों के बीच विवाद

किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड में संजय किर्लोस्कर की अगुवाई वाली कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया है कि उनके भाई राहुल व अतुल द्वारा संचालित चार कंपनियां उनकी विरासत छिनने और जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। जबकि दूसरे पक्ष ने इस मामले को सिरे से खारिज किया है। पारिवारिक विवाद गहराने के बाद किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने पूरे मामले में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखा है। इस पत्र में किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड (केओईएल), किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआइएल), किर्लोस्कर न्यूमैटिक कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) और किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने केबीएल की विरासत को छिनने व दबाने का प्रयास किया है।

क्यों उठा विवाद

दरअसल अतुल व राहुल द्वारा संचालित पांच कंपनियों ने बीते 16 जुलाई को अपने कारोबार को नए सिरे से शुरू करने की घोषणा की। इस दौरान कंपनियों ने अपने नए ब्रांड पहचान और रंगों की घोषणा की। साथ ही नया किर्लोस्कर लोगों को भी अपनाया। इन कंपनियों ने घोषणा करते हुए कहा है कि ये रंग उनके 130 वर्षो पुराने विरासत को दर्शाते हैं।

130 साल पुरानी विरासत का दावा गलत

किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की ओर से कंपनी ने दावा किया है कि अतुल व राहुल ने अपनी कंपनियों को 130 साल बताने का उनका दावा गलत है। सेबी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड लिमिटेड की स्थापना 2009 में, किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना 1978 में, किर्लोस्कर न्यूमैटिक कंपनी लिमिटेड की स्थापना 1974 में और किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना 1991 में हुई है। ऐसे में उनकी कंपनियां कैसे 130 वर्ष की विरासत को दर्शाती है। अब देखना है कि किर्लोस्कर बुधओं के बीच उठे इस पारिवारिक विवाद को सेबी क्या रुख अपनाती है।

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