आदित्यपुरनामाः आयडा की सौतन बन गई जियाडा

Adityapurnama जियाडा जब से आयडा के घर आई सौतन ही बन बैठी। नई नवेली दुल्हन जियाडा के आगे भला आयडा का क्या पूछ। नाली भी साफ करवाना है तो रांची से आदेश लेना होगा। कहीं बल्ब ठीक करना है तो जियाडा से आदेश लो।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 06:29 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 06:29 PM (IST)
आदित्यपुरनामाः आयडा की सौतन बन गई जियाडा
किसी सौतन की तरह जियाडा का नाम लेते ही साहबों की भृकुटी तन जाती है।

जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और। यही मुहावरा लागू होता है आयडा पर। आयडा के अंतर्गत 1200 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियां है। कभी आयडा को क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रुपये मिलते थे, लेकिन अब फंड के नाम पर 25000 रुपये ही मिलते हैं। अब नंगा नहाएगा क्या, निचोड़ेगा क्या।

झारखंड जियाडा जब से आयडा के घर आई, सौतन ही बन बैठी। नई नवेली दुल्हन जियाडा के आगे भला आयडा का क्या पूछ। नाली भी साफ करवाना है तो रांची से आदेश लेना होगा। कहीं बल्ब ठीक करना है तो जियाडा से आदेश लो। यहां पदस्थापित साहबों के पास अब मच्छर मारने के अलावा कोई काम ही नहीं। साहब के पास कोई आता तो घंटों बैठा लेते। टाइम भी तो पास करना है। किसी सौतन की तरह जियाडा का नाम लेते ही साहबों की भृकुटी तन जाती है। ना जाने कब पलटेगा आयडा की किस्मत।

इंदर गुट को नहीं मिलेगा वाकओवर

आयडा के उद्यमियों की संस्था आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) का चुनाव वैसे तो मार्च में ही हो जाना चाहिए था। लेकिन कोरोना का जो हाल है उससे तो लगता है कि यह मई-जून में भी नहीं होगा। वर्तमान अध्यक्ष इंदर अग्रवाल पिछले तीन कार्यकाल से इस कुर्सी पर विराजमान है। तीसरे कार्यकाल में संविधान में संशोधन कर इंदर साहब को फिर से कुर्सी पर बिठाया गया। लेकिन समय चक्र के आगे सब बेबस है। अबकी बार साहब को कुर्सी से उतरना ही होगा। साहब भी चाहते हैं अपने सिपहसलार को कुर्सी पर बिठाया जाए। उपाध्यक्ष संजय सिंह व महासचिव परवीन गुटगुटिया रेस में हैं। लेकिन विरोधी गुट का मूड देखकर नहीं लगता है कि इंदर खेमे को इस बार वाकओवर मिलेगा। उद्यमी एके श्रीवास्तव के पुत्र राजीव रंजन भी ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे कोरोना काल ने दोनों गुटों को तैयारी करने का मौका दे दिया है।

मेयर साहब को घेरने की तैयारी

आदित्यपुर नगर निगम का चुनाव अभी दूर की कौड़ी नजर आ रही है, लेकिन अभी से ही राजनीतिक गोटी सेकी जा रही है। चुनावी रणनीति में एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कभी फूटे आंख नहीं सुहाने वाले भी गलबहियां कर घूम रहे हैं। तभी तो कहा जाता है, राजनीति संभावनाओं का खेल है। आदित्यपुर नगर निगम के मेयर अपने पुत्र विशाल को इस कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं। विरोधियों को जैसे ही इसका पता चला, उनके कान खड़े हो गए। साहब ने पुत्र को पिछले दरवाजे से आरआटी भाजपा मंडल का उपाध्यक्ष बना दिया, ताकि वह समय से पहले राजनीति का ककहरा सीख जाए। उधर, पुरेंद्र सिंह, मुन्ना शर्मा व बॉबी सिंह भी ताल ठोक रहे हैं। वार्ड नंबर 29 में राजमणि देवी के पुत्र मनमोहन सिंह का लड़ना तय है। विरोधी मनमोहन को सपोर्ट कर रहे हैं। आखिर किसी भी तरह वंशवाद को मात जो देना है।

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